रांचीः झारखंड में लॉकडाउन उल्लंघन में शहरी जिले अव्वल है. शहर के लागों ने लॉकडाउन का सर्वाधिक उल्लंघन किया. वहीं ग्रामीण इलाकों वाले जिलों में लॉकडाउन का पालन वहां के लोगों ने किया.
सोमवार को डीजीपी एमवी राव ने लॉकडाउन के उल्लंघन के आंकड़े जारी किए. इन आंकड़ों के मुताबिक, 23 मार्च से 13 अप्रैल तक राज्यभर में 655 केस दर्ज हुए. पुलिस ने इन मामलों में 3049 लोगों को आरोपी बनाया. जिसमें से 1242 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. सर्वाधिक 135 केस पुलिस ने रांची जिले में दर्ज किए. रांची के बाद शहरी आबादी वाले जिले धनबाद में 78, जमशेदपुर में 64, बोकारो में 49 केस दर्ज हुए. वहीं ग्रामीण आबादी वाले जिलों लातेहार में सबसे कम दो, हजारीबाग और लोहरदगा में महज चार, साहेबगंज में पांच केस दर्ज किए गए हैं.
जमशेदपुर में सर्वाधिक गिरफ्तारी
लॉकडाउन के उल्लंघन में राज्यभर में 1242 गिरफ्तारी हुई हैं, इसमें से 579 गिरफ्तारी जमशेदपुर में हुई है. जमशेदपर में सर्वाधिक 687 लोगों को पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन का आरोपी बनाया है. लॉकडाउन उल्लंघन में चाईबासा में पुलिस ने अबतक 156, रांची में 80, धनबाद में 99 लोगों को गिरफ्तार किया है. कोडरमा जिले में पुलिस ने 415 लोगों को लॉकडाउन उल्लंघन का आरोपी बनाया है, लेकिन वहां दर्ज 17 कांडों में से किसी भी केस के आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.
कैसे नियम तोड़ने में शहरी आगे
लॉकडाउन उल्लंघन में शहरी जिले में सर्वाधिक एफआईआर हुए और सर्वाधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है. राजधानी रांची में पुलिस ने 135 एफआइआर में 342 लोगों को आरोपी बनाया. वहीं गुमला में लॉकडाउन उल्लंघन के 14 केस दर्ज हुए, जिसमें 26 आरोपियों में 7 की गिरफ्तारी हुई. लोहरदगा में पांच आरोपियों पर कांड दर्ज हुआ, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई. सिमडेगा में सात केस में 103 लोग आरोपी बने, जिसमें एक की गिरफ्तारी अभी हुई है. खूंटी में 22 केस में 30, सरायकेला में 22 केस में 36, पलामू में 56 केस में 18, गढ़वा में 18 केस में 18 की गिरफ्तारी हुई. साहिबगंज में पांच केस में चार आरोपियों को पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन में गिरफ्तार किया.