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स्वामी हरींद्रानंद के दर्शन करने के लिए जुटे लाखों लोग, दोपहर 12 बजे के बाद निकलेगी अंतिम यात्रा

स्वामी हरींद्रानंद के निधन के बाद से ही उनके रांची के धुर्वा स्थित आवास में अंतिम दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा है. कई भक्तों का रो रो कर बुरा हाल है. आज दोपहर उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. उसके बाद सीठीओ के श्मशान घाट पर स्वामी का अंतिम संस्कार (Last rite of Swami Harindrananda) किया जाएगा.

Last rite of Swami Harindrananda
Last rite of Swami Harindrananda
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Published : Sep 5, 2022, 7:10 AM IST

Updated : Sep 5, 2022, 7:33 AM IST

रांची: शिव शिष्य स्वामी हरींद्रानंद का रविवार अगले सुबह निधन हो गया. निधन होने के बाद उनके शव को धुर्वा स्थित पुराने विधानसभा के सामने वाले आवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. स्वामी हरिंद्रानंद का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर करीब 12 बजे तक उनके आवास में ही रहेगा. शिव शिष्य परिवार के संस्थापक हरिंद्रानंद जी के अंतिम दर्शन करने के लिए भक्त राजधानी रांची सहित आसपास के राज्यों से लगातार पहुंच रहे हैं

इसे भी पढ़ें: शिव शिष्य परिवार के संस्थापक साहब श्री हरींद्रानंद का निधन, समर्थकों में शोक की लहर

आज किया जाएगा अंतिम संस्कार: धुर्वा के पुराने विधानसभा के आसपास मानो मेला सा लग गया हो. उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग लाइन में घंटों खड़े इंतजार कर रहे हैं. कई भक्तों के आंखों में आंसू देखने को मिल रहे हैं. भक्तों ने कहा कि हरींद्रानंद जी की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता. भक्तों ने कहा कि उनके दिए मार्गों पर चलते रहना है ताकि स्वामी जी की आत्मा को शांति मिल सके. अंतिम दर्शन के बाद आज दोपहर 12 बजे के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे. सीठीओ के श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार (Last rite of Swami Harindrananda) किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

कैसे हुआ निधन: बता दें कि शिव शिष्य परिवार के संस्थापक साहब श्री हरींद्रानंद (shiv shishya pariwar founder sahab harindranand) को दिल का दौरा पड़ने के बाद गंभीर स्थिति में रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी स्थिति चिंताजनक बताई जा रही थी. डॉक्टर ने उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें आइसीयू में रखा. इलाज के दौरान रविवार अहले सुबह करीब तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली (sahab harindranand passed away in ranchi).

अंतिम दर्शन करने आए लोगों से बातचीत करते ईटीवी संवाददाता हितेश कुमार चौधरी

कौन थे स्वामी हरिंद्रानंद: शिव शिष्य परिवार(shiv shishya pariwar) लोगों को आध्यात्मिक आंदोलन से जोड़ता है. पूरे देश में शिव शिष्य परिवार के लाखों अनुयायी हैं. ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में इनकी मंडली चलती है. हरींद्रानंद बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे. वो झारखंड सरकार में संयुक्त सचिव के पद से रिटायर हुए थे. उन्होंने 'शिव आज भी गुरु हैं', का आह्वान किया, लाखों लोग उनके इस आध्यात्मिक आंदोलन से जुड़ते चले गए. स्वामी हरिंद्रानंद सिवान जिले के अमलोरी गांव के मूल निवासी थे. उनका जन्म साल 1948 में हुआ था. वो झारखंड में सरकारी नौकरी करने के बाद वर्ष 1978 से शिव शिष्य परिवार के नाम से लोगों को अपने साथ जोड़ कर भगवान के प्रति आस्था और विश्वास को बढ़ाते थे. इससे लोगों के व्यवहार और विचार में परिवर्तन आता है और समाज में अच्छे कार्य को बढ़ावा मिलता है.

रांची: शिव शिष्य स्वामी हरींद्रानंद का रविवार अगले सुबह निधन हो गया. निधन होने के बाद उनके शव को धुर्वा स्थित पुराने विधानसभा के सामने वाले आवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. स्वामी हरिंद्रानंद का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर करीब 12 बजे तक उनके आवास में ही रहेगा. शिव शिष्य परिवार के संस्थापक हरिंद्रानंद जी के अंतिम दर्शन करने के लिए भक्त राजधानी रांची सहित आसपास के राज्यों से लगातार पहुंच रहे हैं

इसे भी पढ़ें: शिव शिष्य परिवार के संस्थापक साहब श्री हरींद्रानंद का निधन, समर्थकों में शोक की लहर

आज किया जाएगा अंतिम संस्कार: धुर्वा के पुराने विधानसभा के आसपास मानो मेला सा लग गया हो. उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग लाइन में घंटों खड़े इंतजार कर रहे हैं. कई भक्तों के आंखों में आंसू देखने को मिल रहे हैं. भक्तों ने कहा कि हरींद्रानंद जी की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता. भक्तों ने कहा कि उनके दिए मार्गों पर चलते रहना है ताकि स्वामी जी की आत्मा को शांति मिल सके. अंतिम दर्शन के बाद आज दोपहर 12 बजे के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे. सीठीओ के श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार (Last rite of Swami Harindrananda) किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

कैसे हुआ निधन: बता दें कि शिव शिष्य परिवार के संस्थापक साहब श्री हरींद्रानंद (shiv shishya pariwar founder sahab harindranand) को दिल का दौरा पड़ने के बाद गंभीर स्थिति में रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी स्थिति चिंताजनक बताई जा रही थी. डॉक्टर ने उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें आइसीयू में रखा. इलाज के दौरान रविवार अहले सुबह करीब तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली (sahab harindranand passed away in ranchi).

अंतिम दर्शन करने आए लोगों से बातचीत करते ईटीवी संवाददाता हितेश कुमार चौधरी

कौन थे स्वामी हरिंद्रानंद: शिव शिष्य परिवार(shiv shishya pariwar) लोगों को आध्यात्मिक आंदोलन से जोड़ता है. पूरे देश में शिव शिष्य परिवार के लाखों अनुयायी हैं. ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में इनकी मंडली चलती है. हरींद्रानंद बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे. वो झारखंड सरकार में संयुक्त सचिव के पद से रिटायर हुए थे. उन्होंने 'शिव आज भी गुरु हैं', का आह्वान किया, लाखों लोग उनके इस आध्यात्मिक आंदोलन से जुड़ते चले गए. स्वामी हरिंद्रानंद सिवान जिले के अमलोरी गांव के मूल निवासी थे. उनका जन्म साल 1948 में हुआ था. वो झारखंड में सरकारी नौकरी करने के बाद वर्ष 1978 से शिव शिष्य परिवार के नाम से लोगों को अपने साथ जोड़ कर भगवान के प्रति आस्था और विश्वास को बढ़ाते थे. इससे लोगों के व्यवहार और विचार में परिवर्तन आता है और समाज में अच्छे कार्य को बढ़ावा मिलता है.

Last Updated : Sep 5, 2022, 7:33 AM IST
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