नई दिल्लीः केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित टीआरआईएफईडी की ओर से दिल्ली हाट में आदि महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव की शुरुआत 1 फरवरी से हुई थी और 15 फरवरी को इसका समापन हो जाएगा. सोमवार को आदि महोत्सव का आखिरी दिन है. सुबह 11 से रात के 9 बजे तक इस महोत्सव में लोग आकर खरीदारी कर सकते हैं.
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महोत्सव में लगाए गए 200 स्टाल
आदिवासियों की ओर से बनाए गए उत्पादों की इस महोत्सव में बिक्री होती है. यहां पर करीब 200 स्टाल लगे हुए हैं. हर राज्य का अलग-अलग स्टॉल लगा हुआ है. भारी संख्या में लोग आकर यहां से खरीदारी कर रहे हैं. इस महोत्सव के आयोजन का मुख्य मकसद है कि आदिवासियों को उनके उत्पाद की सही कीमत मिल सके और अपना सामान बेचने के लिए एक बड़ा मंच मिल सके. 2017 से आदि महोत्सव का आयोजन हो रहा है. साल में एक बार इस महोत्सव का आयोजन दिल्ली हाट में किया जाता है.
वुडन क्राफ्ट की काफी बिक्री
झारखंड के स्टॉल पर मौजूद जमशेदपुर की ललिता सामंड ने कहा कि इस बार भारी संख्या में चीजों की बिक्री हो रही है, अच्छी आमदनी हो रही है, झारखंड से लाया सारा सामान बिक गया. इसके लिए उन्होंने केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय एवं टाइफेड को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही कहा कि हम लोग को अपना सामान बेचने के लिए यहां बड़ी जगह मिल जाती है. इस बार वुडन क्राफ्ट की काफी बिक्री हुई है. झारखंड के स्टॉल पर मौजूद रांची की कांतेश्वरी मुंडा ने कहा कि एक लाख 20 हजार से ज्यादा का उत्पाद बेच चुकी हूं.
एक हजार कारीगर ने लिया भाग
आदि महोत्सव में आदिवासियों की ओर से बनाई गई कलाकृति, आभूषण, शिल्प वस्तु इत्यादि प्रदर्शित किए गए हैं. आदिवासी व्यंजन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पाद भी बिक्री के लिए प्रदर्शित किया गए हैं. इस बार आदि महोत्सव में करीब 1 हजार कारीगर हिस्सा लिए हैं.