रांचीः देवघर जिले के देवपुरी अंचल जियाडा की ओर से अधिग्रहित जमीन और गोड्डा जिले के निपनीयां मौजा में जिंदल की ओर से अधिग्रहित जमीन के मामले में लगातार रैयत जमीन वापसी की मांग कर रहे हैं.
भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के धारा 101 में यह स्पष्ट है कि रैयती जमीन का अधिग्रहण जिस उद्देश्य से की जाती है. यदि 5 सालों तक जमीन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया जाए दवा जमीन रैयत को वापस कर दिया जाना होता है.
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इस मामले को लेकर सदन में गोड्डा के पोड़ैयाहाट विधानसभा के विधायक प्रदीप यादव ने उठाया. साथ ही उन्होंने अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है प्रदीप यादव ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 101 में स्पष्ट है कि 5 सालों तक अगर जिस उद्देश्य से जमीन को लिया गया है. वह उद्देश्य पूरा नहीं होता है तो वह जमीन रैयत को वापस दिया जाएगा, या फिर सरकार उसे लैंड बैंक बना सकती है. सदन में इस बात को उठाया गया है और सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि पूर्ववर्ती सरकार ने लैंड बैंक बनाने की बात कही थी. उसका पर सरकार की तरफ से आश्वासन मिला है कि यह मामला सदन में उठाया जाएगा और सदन से पारित कर रैयतों को जमीन वापस दिया जाएगा.