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लालू यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता हुआ साफ, बेल मिलने के बाद भी फंसा था पेंच - चारा घोटाला मामले में लालू को मिल गई जमानत

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए बड़ी खुशखबरी है. बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो अब जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से जारी एक आदेश के बाद वे अब निचली अदालत में बॉन्ड भरकर बाहर आ सकते हैं.

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लालू प्रसाद यादव
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Published : Apr 28, 2021, 9:11 PM IST

रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अब जल्द ही जेल से रिहा हो सकते हैं. झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिलने के बावजूद भी रिहा होने में आ रही परेशानियां अब दूर हो गई है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एक आदेश के बाद वह जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं.

हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार

ये भी पढ़ें- काेराेना : मांगा शव तो परिजन पर सीएमओ ने बरसाए थप्पड़, देखती रही पुलिस

लालू समर्थकों के लिए बड़ी खुशखबरी

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक पत्र जारी कर देश के सभी स्टेट बार काउंसिल को निर्देश दिया है कि जिन्हें बेल दे दी गई है, उसे बेल बॉन्ड भरने की छूट दी जाए. ऐसे में यह खबर लालू प्रसाद, उनके परिजन और उनके समर्थकों के लिए बहुत बड़ी खुशी लेकर आया है. अब लालू प्रसाद यादव शीघ्र ही जेल से बाहर आ पाएंगे. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए और अधिवक्ताओं को संक्रमण से बचाने के लिए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एक निर्देश जारी किया है, जिसमें अधिवक्ताओं को अदालती कार्य से अलग रखने का निर्देश दिया है. जिसके कारण लालू प्रसाद को बेल मिलने के बाद भी बेल बॉन्ड नहीं भरा जा सका था, जिसके कारण वह रिहा नहीं हो पा रहे थे.

अब निचली अदालत में भरी जा सकती है बॉन्ड

झारखंड हाई कोर्ट में उन्हें दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत की सुविधा उपलब्ध करा दी है. हाई कोर्ट के बेल देने के बाद भी लालू प्रसाद जेल से बाहर नहीं आ पा रहे थे, लेकिन जबकि बार काउंसिल ने बेल बॉन्ड भरने की इजाजत दे दी है ऐसे में लालू जल्द लौट सकते हैं. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने आपात बैठक कर कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अपने अधिवक्ताओं को इस संक्रमण से बचाने के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए झारखंड स्टेट बार कॉउंसिल ने 18 अप्रैल को बैठक कर सभी वकीलों को अदालती कार्य से 1 सप्ताह के लिए अलग रहने का निर्देश दिया था. उसके बाद फिर काउंसिल ने बैठक कर 25 अप्रैल रविवार को उस निर्देश को 2 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया. ऐसे में लालू प्रसाद का बेल बॉन्ड निचली अदालत में नहीं भरी जा रही थी. जिसके कारण वह रिहा नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पत्र जारी किया है कि सभी स्टेट बार काउंसिल जो अधिवक्ता को अदालती कार्य से अलग रहने का निर्देश दिया है. उन्हें यह छूट देने को कहा है कि, जिन्हें पहले में बेल मिला है उसको बेल बॉन्ड भरने की छूट दे, तो ऐसे में उनका बेल बॉन्ड निचली अदालत में भरी जा सकती है. अब वे जेल से रिहा हो सकते हैं.

23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं लालू यादव

लालू यादव को दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट से 17 अप्रैल को जमानत मिल गई थी. उस समय उनके वकील ने बताया था कि लालू यादव की ओर से 19 अप्रैल को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानती बॉन्ड भर दिया जाएगा और वह न्यायिक हिरासत से रिहा हो जाएंगे. देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपए की राशि के गबन के मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद से यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं. उन्हें चारा घोटाले से संबंधित अन्य तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है. फिलहाल लालू यादव न्यायिक हिरासत में दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं.

रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अब जल्द ही जेल से रिहा हो सकते हैं. झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिलने के बावजूद भी रिहा होने में आ रही परेशानियां अब दूर हो गई है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एक आदेश के बाद वह जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं.

हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार

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लालू समर्थकों के लिए बड़ी खुशखबरी

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक पत्र जारी कर देश के सभी स्टेट बार काउंसिल को निर्देश दिया है कि जिन्हें बेल दे दी गई है, उसे बेल बॉन्ड भरने की छूट दी जाए. ऐसे में यह खबर लालू प्रसाद, उनके परिजन और उनके समर्थकों के लिए बहुत बड़ी खुशी लेकर आया है. अब लालू प्रसाद यादव शीघ्र ही जेल से बाहर आ पाएंगे. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए और अधिवक्ताओं को संक्रमण से बचाने के लिए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एक निर्देश जारी किया है, जिसमें अधिवक्ताओं को अदालती कार्य से अलग रखने का निर्देश दिया है. जिसके कारण लालू प्रसाद को बेल मिलने के बाद भी बेल बॉन्ड नहीं भरा जा सका था, जिसके कारण वह रिहा नहीं हो पा रहे थे.

अब निचली अदालत में भरी जा सकती है बॉन्ड

झारखंड हाई कोर्ट में उन्हें दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत की सुविधा उपलब्ध करा दी है. हाई कोर्ट के बेल देने के बाद भी लालू प्रसाद जेल से बाहर नहीं आ पा रहे थे, लेकिन जबकि बार काउंसिल ने बेल बॉन्ड भरने की इजाजत दे दी है ऐसे में लालू जल्द लौट सकते हैं. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने आपात बैठक कर कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अपने अधिवक्ताओं को इस संक्रमण से बचाने के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए झारखंड स्टेट बार कॉउंसिल ने 18 अप्रैल को बैठक कर सभी वकीलों को अदालती कार्य से 1 सप्ताह के लिए अलग रहने का निर्देश दिया था. उसके बाद फिर काउंसिल ने बैठक कर 25 अप्रैल रविवार को उस निर्देश को 2 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया. ऐसे में लालू प्रसाद का बेल बॉन्ड निचली अदालत में नहीं भरी जा रही थी. जिसके कारण वह रिहा नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पत्र जारी किया है कि सभी स्टेट बार काउंसिल जो अधिवक्ता को अदालती कार्य से अलग रहने का निर्देश दिया है. उन्हें यह छूट देने को कहा है कि, जिन्हें पहले में बेल मिला है उसको बेल बॉन्ड भरने की छूट दे, तो ऐसे में उनका बेल बॉन्ड निचली अदालत में भरी जा सकती है. अब वे जेल से रिहा हो सकते हैं.

23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं लालू यादव

लालू यादव को दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट से 17 अप्रैल को जमानत मिल गई थी. उस समय उनके वकील ने बताया था कि लालू यादव की ओर से 19 अप्रैल को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानती बॉन्ड भर दिया जाएगा और वह न्यायिक हिरासत से रिहा हो जाएंगे. देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपए की राशि के गबन के मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद से यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं. उन्हें चारा घोटाले से संबंधित अन्य तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है. फिलहाल लालू यादव न्यायिक हिरासत में दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं.

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