रांची: चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कड़ी सुरक्षा के बीच रिम्स के पेइंग वार्ड सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. लालू यादव एस के शशि के अदालत में डोरोंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में पेश हुए, जहां 313 का बयान दर्ज करया गया.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सुबह के 10:30 बजे सीबीआई की विशेष अदालत पहुंचे और अदालत में 11:30 बजे कार्रवाई शुरू हुई. लगभग अदालत में डेढ़ घंटे की कार्रवाई के बाद उन्हें दोबारा कड़ी सुरक्षा के बीच रिम्स भेज दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी तय की गई है. डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले को लेकर लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की.
इसे भी पढ़ें:- विदेश यात्रा से लौटे बाबूलाल मरांडी, बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर दिया गोलमोल जवाब
सीबीआई की अदालत ने लालू यादव से कुल 34 सवाल पूछे, जिसमें पूछा गया कि क्या आप के ऊपर लगाए गए आरोप की जानकारी है, साल 1990 से 97 तक आप बिहार के मुख्यमंत्री और डिफेंस मंत्री थे. अदालत ने लालू यादव से पूछा की आपने अपने पद की गोपनीयता और कर्तव्य का निर्वहन करने की शपथ ली थी, साथ ही एनिमल हसबेंडरी के अधिकारियों को 139.530 करोड़ की फर्जी निकासी करने में आपने मदद की, इस बारे में आपका क्या कहना है.
अदालत ने लालू यादव से पूछा कि आपको इस बात की जानकारी थी कि जो पैसा निकाले गए हैं, उसका इस्तेमाल पॉलीटिशियन और सरकारी अधिकारियों को हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज का टिकट, होटल का खर्च और अवैध पेमेंट करने की बात कही गई थी इस बारे में क्या कहना है. इन सभी प्रश्वों में लालू यादव ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यकाल में घोटाले की बात सामने आई तो सबसे पहले मैंने अफआईआर किया था और उसी के आधार पर सीबीआई ने अभियुक्तों का नाम शामिल किया है.