रांची: एक तरफ जहां झारखंड में कोरोना के नए मामले हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. वहीं कोरोना के मरीजों को ठीक करने वाली रेमडेसिविर नाम की दवाई नहीं मिलने से सबके लिए परेशानी खड़ी हो गई है. ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की, तो पता चला कि राजधानी के कई निजी अस्पतालों में दवाई का अभाव है. राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार राज अस्पताल, आर्किड अस्पताल, गुरुनानक अस्पताल आदि में दवाई की कमी है.
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राज अस्पताल के संचालक योगेश बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले झारखंड में कोरोना के केस आने काफी कम हो गए थे, जिस वजह से मार्केट में ये दवाई उपलब्ध नहीं थी. अब अचानक से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, जिसके बाद इस दवाई की आवश्यकता भी बढ़ गई है. हमने जब राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी सचिव के.के सोन से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों की तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है. फिर भी उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि अगर किसी निजी अस्पताल को इस दवाई की जरूरत पड़ती है, तो वो सीधा स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दें. दवाई जल्द मुहैया कराई जाएगी.
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उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल राजधानी के रिम्स अस्पताल में 150 VIALS नाम की दवाई उपलब्ध है, जिससे गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सोमवार तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सरकारी अस्पतालों में 1500 VIALS उपलब्ध हो जाएगी. जिस तरह से राज्य में कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, जरूरत है कि निजी अस्पताल सरकार के साथ बेहतर तरीके से संबंध बनाएं. इससे राज्य के सभी मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी.