रांची: सदन में मुख्य विपक्षी दल भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग का 590 करोड़ का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. कटौती प्रस्ताव लाकर भाजपा विधायक अनंत ओझा ने सरकार को चुनावी घोषणाओं की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बेरोजगारी भत्ता का सपना दिखाकर युवाओं को ठगा है. 100 यूनिट फ्री बिजली देने वाली बात छलावा साबित हुई है. यहां बालू, कोयला की लूट मची हुई है.
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श्रम विभाग के बजट के पक्ष और विपक्ष में बैद्यनाथ राम, ढुल्लू महतो, अंबा प्रसाद, बंधु तिर्की, लंबोदर महतो, जयप्रकाश भाई पटेल, विनोद कुमार सिंह और अमित यादव ने कुछ कमियां गिनाई तो कुछ सुझाव भी दिए. जवाब में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बेहद नपे तुले अंदाज में कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में प्रवासी मजदूरों के लिए झारखंड सरकार ने काफी कुछ किया. अभी भी कंट्रोल रूम संचालित है. इस दौरान 18,290 लोगों को रोजगार से जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि इस राज्य में हादसे में मौत पर मजदूरों को एक लाख रुपए दिए जाते हैं. उनके आश्रित बच्चियों की शादी पर 30,000 रुपए दिए जाते हैं. श्रमिक के निधन पर उसकी विधवा पत्नी को 1000 का पेंशन दिया जाता है. ईएसआई अस्पताल में इलाज की पूरी सुविधा है. इसका दायरा को जिला स्तर पर बढ़ाया जा रहा है. श्रमिक के बच्चों की छठीयारी के लिए भी पैसे दिए जाते हैं.
श्रम मंत्री ने कहा कि राज्य की सभी फैक्ट्रियों में मजदूरों की 75% भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. आने वाले समय में 1,00,000 युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा और जरूरत पड़ी तो विदेशी कंपनियों से भी ट्रेनिंग दिलाई जाएगी ताकि विदेश में भी काम करने का मौका मिल सके. उन्होंने कहा कि पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है. हालांकि श्रम मंत्री ने खान एवं भूतत्व विभाग, उद्योग विभाग और ऊर्जा विभाग पर सिर्फ दो चार शब्द ही कहे.
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झामुमो विधायक बैद्यनाथ राम ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को कोयला चोर कहने वाले विपक्षी दल का गुजरात में शासन है, जहां घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा कि अभिजीत और एसआर ग्रुप की जमीन पर प्लांट लगाना चाहिए. इससे न सिर्फ नौकरी मिलेगी बल्कि बिजली के मामले में भी झारखंड आत्मनिर्भर हो जाएगा. भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने राज्य में हो रही कोयला चोरी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि 3000 टन पर कोयला खरीदा जाता है और 10,000 टन के भाव से उत्तर प्रदेश के बाजार में बेचा जा रहा है. इस कारोबार में सिर्फ बाहर के लोग शामिल हैं. शासन में भी भ्रष्ट लोग बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने पर उन्हें मुकदमे का डर दिखाया जाता है. धनबाद में सैकड़ों गांव विस्थापित हो चुके हैं लेकिन उन्हें जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलता है.
बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य में तकनीकी विकास निदेशालय की स्थापना होनी चाहिए और रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरना चाहिए. लंबोदर महतो ने नौकरियों में उम्र सीमा में छूट देने की वकालत की. वहीं जयप्रकाश पटेल ने कहा कि इस राज्य में बिजली की हालत दयनीय हो गई है. एक ट्रांसफार्मर खराब होने पर भी उसे बदलवाने में पसीने छूटते हैं. भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जिस विभाग के बजट पर चर्चा हो रही है, उस विभाग में 18 जिलों में लेबर कमिश्नर नियुक्त नहीं है. प्रवासी मजदूरों के शव को लाने की बात बेमानी साबित हो रही है. सिर्फ दुर्घटना में मौत पर श्रमिकों के परिजन को मुआवजा दिया जाता है. इसमें बीमारी से मौत को भी असमय मौत की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार युवाओं के सपने को बेच रही है. बहरहाल आरोप-प्रत्यारोप के बीच श्रम विभाग का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया. चूकि ध्यानाकर्षण के मामलों की फेहरिस्त लंबी हो रही है, लिहाजा, 22 मार्च को सुबह 10:00 बजे से ही सदन की कार्यवाही शुरू होगी.