रांचीः डुमरी के चुनावी मैदान में जीत के दावे वाली डफली की आवाज चारों ओर गूंज रही है. सभी छह प्रत्याशी जोर शोर से प्रचार अभियान में जुटे हैं. इनमें तीन प्रत्याशी पार्टियों से जुड़े हैं तो तीन बतौर निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं. लेकिन सीधा मुकाबला झामुमो की बेबी देवी और आजसू की यशोदा देवी के बीच है. इनके मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं ओवैसी की पार्टी के अब्दुल मोबिन रिजवी.
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हालांकि जीत और हार का असली फैसला 8 सितंबर को चुनाव परिणाम के दिन ही सामने आएगा. इस बीच तीनों प्रत्याशियों को लेकर कुछ ऐसी बातें हैं जिसे आप जानना चाहेंगे. मसलन, कौन प्रत्याशी ज्यादा धनवान है. कौन कितना पढ़ा-लिखा है. किस पर मुकदमा चल रहा है. किसका कैसा बैकग्राउंड है. आमतौर पर इन्हीं चार बिंदुओं की कसौटी पर वोटर अपने प्रत्याशी को आंकते हैं.
साक्षर, मदरसा और इंटरमीटिएट का इम्तिहानः सबसे खास बात है कि शिक्षक दिवस के दिन यानी 5 सितंबर को उपचुनाव होना है. लिहाजा, प्रत्याशी इस मोर्चे पर कहां खड़े हैं, यह जानना जरूरी है. शिक्षा के मामले में आजसू की यशोदा देवी आगे हैं. उन्होंने 1994 में बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल के अधीन प्लस टू रामविलास हाईस्कूल, बेरमो से इंटर साइंस की पढ़ाई पूरी की है. हालांकि उसके बाद वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाईं.
इस मामले में दूसरे स्थान पर हैं ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी. इन्होंने मदरसा मिसबाहुलम ओलुम, नवादा, हजारीबाग से मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. इनके पास आय का श्रोत कमिशन एजेंट और नजराना के रूप में है. शिक्षा के मामले में निचले पायदान पर हैं डुमरी से चार बार विधायक रहे दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी. वह सिर्फ साक्षर हैं. साक्षर का मतलब है कि बेबी देवी पढ़ना और लिखना जानती हैं.
मुकदमा और धन-दौलत के मामले में आगे कौनः झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी के पति चार बार विधायक रहे. इनके पास चल और अचल मिलाकर करीब 39.40 लाख की संपत्ति है. इनके पास 1.72 लाख नकद है. बैंक में 29.80 लाख का फिक्स्ड डिपोजिट है. कृषि भूमि करीब 7.73 लाख की है जिसका बाजार मूल्य अनुमानित 25 लाख है. इनके नाम से एक कार है. सिर्फ पांच तोला सोना और 15 हजार रु. के चांदी के जेवर हैं. इनके नाम 2.38 लाख का बैंक लोन है. इन्होंने आवासीय भवन की कीमत करीब 18 लाख रु. की घोषित की है. अच्छी बात यह है कि बेबी देवी के खिलाफ किसी तरह का कोई मुकदमा नहीं है.
आजसू की यशोदा देवी पर भी कोई मुकदमा नहीं है. इनके नाम से स्कूटी है. चल और अचल मिलाकर कुल संपत्ति 30.50 लाख रु. की संपत्ति है. इनके पास नकद 50 हजार रु. हैं. बैंक में 2 लाख रु. का फिक्स्ड डिपोजिट है. चार लाख की एलआईसी है. इसरी में 3 हजार स्क्वायर फीट में मकान है. इसकी कीमत 7 लाख थी जो अब बढ़कर 15 लाख की हो गई है. इनके पास तीन गायें और दो बैल भी हैं. जामताड़ा में 1.5 एकड़ खेतिहर जमीन है जो पिता की तरफ से मिली है. बेबी देवी और यशोदा देवी में एक समानता है कि दोनों के पति एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. 2009 के चुनाव में यशोदा के पति दामोदर महतो जगरनाथ महतो से हार गये थे. 2019 में यशोदा देवी का सामना जगरनाथ महतो से हुआ था लेकिन उनको भी हार मिली थी. इस बार बात अलग है.
ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी अपराध और धन के मामले में दोनों प्रत्याशियों से आगे हैं. इनके खिलाफ वन भूमि पर अतिक्रमण का आरोप है. उनपर फॉरेस्ट मुकदमा संख्या 372/12 दर्ज है. वन अधिनियम की धारा 33 के तहत कोर्ट में 4 अगस्त 2016 को चार्ज फ्रेम हुआ है. इनके पास 24,129 रु. नकद और बैंक में 9 हजार रु जमा हैं. इनके नाम से एक कार और बाइक है. 10 तोला सोना और 500 ग्राम चांदी है, जिसकी कीमत करीब 6.40 लाख है. कृषि भूमि करीब 25 लाख की है. कमर्शियल भूमि करीब 1 करोड़ रु. की है. इन्होंने 1,300 रु. में 7 हजार वर्गफीट जमीन खरीदी थी. इसमें 4000 वर्ग फीट में 20 लाख की लागत से घर बनाया. आज उसकी कीमत करीब 1 करोड़ रु. है. इनपर 1.50 लाख का बैंक लोन है. यह कमिशन एजेंट और नजराना के रूप में काम करते हैं. इनके पास चल और अचल मिलाकर कुल 2.75 करोड़ की संपत्ति है.
सबसे जरूरी बात यह है कि शिक्षक दिवस के दिन इन सभी का भाग्य ईवीएम में बंद हो जाएगा. अब देखना है कि इस परीक्षा में शिक्षा को तवज्जो मिलता है या धन और मुकदमा को. सहानुभूति काम करती है कि जातीय और गठबंधन का समीकरण. वैसे जीत के दावे तो सभी कर रहे हैं.