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केएन त्रिपाठी पहुंचे निर्वाचन आयोग, कहा- हथियार और बुलेटप्रूफ गाड़ी नहीं होती तो लोग ले लेते जान - झारखंड महासमर

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान मतदान केंद्र पर रिवाल्वर लहराने से चर्चा में आए डालटनगंज से कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग से मिले और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. इस दौरान केएन त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

KN Tripathi meets Chief Electoral Officer in ranchi
केएन त्रिपाठी
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Published : Dec 2, 2019, 4:47 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान मतदान केंद्र पर हथियार लहराने को लेकर चर्चा में आए पूर्व मंत्री और डालटनगंज सीट से कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी सोमवार को रांची पहुंचे हैं. उन्होंने यहां राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से मुलाकात कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

केएन त्रिपाठी से खास बातचीत

फ्री एंड फेयर इलेक्शन के लिए लिखा था पत्र

प्रथम चरण की वोटिंग के दौरान हुए विवाद के बाद सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से मुलाकात करने रांची पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत संवाददाता से चुनाव के दिन हुए विवाद को लेकर पूरी घटनाक्रम को बताया. केएन त्रिपाठी ने स्पष्ट कहा कि अगर वह उस मौके पर अपनी हथियार नहीं निकालते तो उनकी जान भी जा सकती थी. उन्होंने घटनास्थल का और कोसीयारा गांव के बारे में बताया कि पिछले 30 सालों से उस इलाके के लोग बीजेपी के अलावे दूसरे दल के उम्मीदवार को प्रवेश नहीं करने देते हैं. इसकी प्रवृत्ति दोबारा नहीं हो इसके लिए मैनें 22 नवंबर को ही कोसियारा इलाके में फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखा था.

पलामू DC की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

पलामू उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी शांतनु कुमार अग्रहरि के कार्य प्रणाली पर कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पहले से सूचित करने के बावजूद भी कोसियारा बूथ पर होमगार्ड के जवान प्रतिनियुक्त किए गए. हमने पत्र लिखकर जिला प्रशासन से मांग की थी कि उस बुथ पर अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती किया जाए, लेकिन जिला प्रशासन ने उस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी घटना पलामू उपायुक्त ने जानबूझकर ऐसा किया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव के दौरान पलामू उपायुक्त मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कर रहे थे. इस लिए सूचना देने के बावजूद भी उन इलाकों में फोर्स की तैनाती नहीं की गई. उन्होंने घटना को लेकर बताया कि मैं पहले ही इस तरह के अनहोनी को भांप लिया था, यही वजह था कि उन्होंने पूरी तैयारी के साथ अपना रिवाल्वर और बुलेटप्रूफ गाड़ी के साथ वहां पहुंचे थे, यहां तक की उन्होंने बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहना था.

इसे भी पढ़ें- पोलिंग बूथ पर पिस्टल लहराने की घटना पर बीजेपी ने कहा- कांग्रेस को गणतंत्र की जगह 'गनतंत्र' पर है भरोसा

रांची पहुंचने के बाद केएन त्रिपाठी ने अपनी सारी बातें निर्वाचन आयोग के समक्ष रख दी है. आयोग ने कांग्रेस प्रत्याशी को आश्वासन भी दिया है कि इस मामले को लेकर यथोचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अपनी शिकायत के संदर्भ में उन्होंने सारे प्रमाण भी निर्वाचन आयोग को दे दिया है. उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग न्यायपूर्ण कार्रवाई करेगा. इसको लेकर उन्होंने कहा कि घटना के दौरान पोलिंग बूथ की वीडियो फुटेज भी थी, लेकिन जितनी उसमें होनी चाहिए उस हिसाब से सारा वीडियो फुटेज गायब कर दिया गया है.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान मतदान केंद्र पर हथियार लहराने को लेकर चर्चा में आए पूर्व मंत्री और डालटनगंज सीट से कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी सोमवार को रांची पहुंचे हैं. उन्होंने यहां राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से मुलाकात कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

केएन त्रिपाठी से खास बातचीत

फ्री एंड फेयर इलेक्शन के लिए लिखा था पत्र

प्रथम चरण की वोटिंग के दौरान हुए विवाद के बाद सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से मुलाकात करने रांची पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत संवाददाता से चुनाव के दिन हुए विवाद को लेकर पूरी घटनाक्रम को बताया. केएन त्रिपाठी ने स्पष्ट कहा कि अगर वह उस मौके पर अपनी हथियार नहीं निकालते तो उनकी जान भी जा सकती थी. उन्होंने घटनास्थल का और कोसीयारा गांव के बारे में बताया कि पिछले 30 सालों से उस इलाके के लोग बीजेपी के अलावे दूसरे दल के उम्मीदवार को प्रवेश नहीं करने देते हैं. इसकी प्रवृत्ति दोबारा नहीं हो इसके लिए मैनें 22 नवंबर को ही कोसियारा इलाके में फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखा था.

पलामू DC की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

पलामू उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी शांतनु कुमार अग्रहरि के कार्य प्रणाली पर कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पहले से सूचित करने के बावजूद भी कोसियारा बूथ पर होमगार्ड के जवान प्रतिनियुक्त किए गए. हमने पत्र लिखकर जिला प्रशासन से मांग की थी कि उस बुथ पर अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती किया जाए, लेकिन जिला प्रशासन ने उस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी घटना पलामू उपायुक्त ने जानबूझकर ऐसा किया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव के दौरान पलामू उपायुक्त मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कर रहे थे. इस लिए सूचना देने के बावजूद भी उन इलाकों में फोर्स की तैनाती नहीं की गई. उन्होंने घटना को लेकर बताया कि मैं पहले ही इस तरह के अनहोनी को भांप लिया था, यही वजह था कि उन्होंने पूरी तैयारी के साथ अपना रिवाल्वर और बुलेटप्रूफ गाड़ी के साथ वहां पहुंचे थे, यहां तक की उन्होंने बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहना था.

इसे भी पढ़ें- पोलिंग बूथ पर पिस्टल लहराने की घटना पर बीजेपी ने कहा- कांग्रेस को गणतंत्र की जगह 'गनतंत्र' पर है भरोसा

रांची पहुंचने के बाद केएन त्रिपाठी ने अपनी सारी बातें निर्वाचन आयोग के समक्ष रख दी है. आयोग ने कांग्रेस प्रत्याशी को आश्वासन भी दिया है कि इस मामले को लेकर यथोचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अपनी शिकायत के संदर्भ में उन्होंने सारे प्रमाण भी निर्वाचन आयोग को दे दिया है. उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग न्यायपूर्ण कार्रवाई करेगा. इसको लेकर उन्होंने कहा कि घटना के दौरान पोलिंग बूथ की वीडियो फुटेज भी थी, लेकिन जितनी उसमें होनी चाहिए उस हिसाब से सारा वीडियो फुटेज गायब कर दिया गया है.

Intro:रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान मतदान केंद्र के पास पिस्तौल लहराने को लेकर चर्चा में आए प्रदेश के पूर्व मंत्री और डाल्टेनगंज से कांग्रेस के उम्मीदवार केएन त्रिपाठी ने साफ कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते तो उनकी जान चली जाती। सोमवार को राजधानी रांची में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से मिलने आए त्रिपाठी ने कहा कि दरअसल उस इलाके में किसी दूसरे दल के उम्मीदवार को लोग प्रवेश नहीं करने देते हैं। ऐसी प्रवृत्ति 30 साल से चली आ रही थी। यही वजह है कि उन्होंने कोशियारी इलाके में फ्री एंड फेयर इलेक्शन के लिए 22 नवंबर को ही केंद्रीय चुनाव आयोग से लेकर स्थानीय प्रशासन तक को पत्र लिखा था।


Body:पलामू डीसी की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
पलामू के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी शांतनु अग्रहरि के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले से बताने के बाद भी उस बूथ पर होमगार्ड के जवान प्रतिनियुक्त किए गए। त्रिपाठी ने कहा कि वहां अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की डिमांड की गई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने उस पर ध्यान नहीं दिया। त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि पलामू डीसी ने जानबूझकर ऐसा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पलामू डीसी मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कर रहे थे। इसीलिए उन इलाकों में फोर्स नहीं दिया गया। त्रिपाठी ने कहा कि यही वजह है कि वहां जाने से पहले उन्होंने पूरी तैयारी की और अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी में गए यहां तक कि उन्हें बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहनना पड़ा।


Conclusion:उन्होंने कहा कि सोमवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष उन्होंने अपनी सारी बातें रखी हैं। आयोग से इस बात का आश्वासन उन्हें मिला है कि मामले में यथोचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपनी शिकायत के संदर्भ में उन्होंने सारे प्रमाण भी दिए हैं। उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग न्यायपूर्ण कार्रवाई करेगा। त्रिपाठी ने कहा कि उस पोलिंग बूथ की वीडियो फुटेज मंगाने की भी बात कही जा रही है लेकिन उन्हें जितनी जानकारी है उस हिसाब से सारा वीडियो फुटेज चुरा लिया गया है।
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