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रांची: सरेंडर करने की तैयारी में खादगढ़ा बस स्टैंड के ठेकेदार, नगर निगम से मांगी रियायत

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Published : Apr 26, 2021, 1:31 PM IST

कोरोना महामारी के चलते रांची में खादगढ़ा बस स्टैंड कांटाटोली के ठेकेदार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. यात्रियों की संख्या नहीं के बराबर हो गई है, जिसके चलते स्टाफ को उनका मेहनताना देना भी मुश्किल हो गया है. अब रांची नगर निगम से रियायत देने का अनुरोध किया है.

khadgadha bus stand contractor struggling with financial crisis in ranchi
रांची: सरेंडर करने की तैयारी में खादगढ़ा बस स्टैंड के संवेदक, नगर निगम से मांगी रियायत

रांची: कोरोना महामारी की वजह से खादगढ़ा बस स्टैंड कांटाटोली के संवदेक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. बस स्टैंड का संचालन ठेकेदार इरफान खान की ओर से किया जा रहा है. हालात ये हैं कि स्टैंड से स्टाफ खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है.

इसे भी पढ़ें- भाकपा माओवादियों का भारत बंद, प्रशासन अलर्ट

करोड़ों रुपए में रांची नगर निगम की ओर से स्टैंड का टेंडर किया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते यात्रियों की संख्या नहीं के बराबर हो गई है. बसों की संख्या में भारी कमी आ गई है. स्टैंड से पहले हर दिन 500 बसें पूरे राज्य और बिहार बंगाल के लिए चलती थी, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बसों की संख्या 90 से 100 हो गई है.

ठेकेदार इरफान ने साझा की परेशानी

ठेकेदार इरफान ने कहा कि पिछले 1 साल से कोरोना काल में स्टैंड नुकसान में चल रहा है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. स्टाफ को उनका मेहनताना देना भी मुश्किल हो गया है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो संवेदक सरेंडर कर देंगे. हजारों परिवार रोजी-रोटी के लिए आश्रित हैं. फिलहाल लॉकडाउन में कोरोना के खौफ से यात्रियों का आवागमन कम हो गया है.

स्टैंड पर आश्रित है हजारों परिवार
हर बस में 5 स्टाफ होते हैं और 500 बसों में 2500 स्टाफ होते हैं. आमतौर पर स्टैंड की बंदोबस्ती करोड़ों में होती है, 70% राशि निगम में टेंडर के वक्त जमा हो जाती है और अब भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

नगर निगम से मदद की गुहार

संवेदक ने रांची नगर निगम से अनुरोध किया है कि उन्हें रियायत दी जाए. उनके साथ न्याय किया जाए. पीछे कई सालों से स्टैंड का संचालन कर रहे हैं. पहली बार ऐसी स्थिति पैदा हो गई है. मदद नहीं मिली तो वो सरेंडर करने पर मजबूर हो जाएंगे.

रांची: कोरोना महामारी की वजह से खादगढ़ा बस स्टैंड कांटाटोली के संवदेक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. बस स्टैंड का संचालन ठेकेदार इरफान खान की ओर से किया जा रहा है. हालात ये हैं कि स्टैंड से स्टाफ खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है.

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करोड़ों रुपए में रांची नगर निगम की ओर से स्टैंड का टेंडर किया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते यात्रियों की संख्या नहीं के बराबर हो गई है. बसों की संख्या में भारी कमी आ गई है. स्टैंड से पहले हर दिन 500 बसें पूरे राज्य और बिहार बंगाल के लिए चलती थी, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बसों की संख्या 90 से 100 हो गई है.

ठेकेदार इरफान ने साझा की परेशानी

ठेकेदार इरफान ने कहा कि पिछले 1 साल से कोरोना काल में स्टैंड नुकसान में चल रहा है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. स्टाफ को उनका मेहनताना देना भी मुश्किल हो गया है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो संवेदक सरेंडर कर देंगे. हजारों परिवार रोजी-रोटी के लिए आश्रित हैं. फिलहाल लॉकडाउन में कोरोना के खौफ से यात्रियों का आवागमन कम हो गया है.

स्टैंड पर आश्रित है हजारों परिवार
हर बस में 5 स्टाफ होते हैं और 500 बसों में 2500 स्टाफ होते हैं. आमतौर पर स्टैंड की बंदोबस्ती करोड़ों में होती है, 70% राशि निगम में टेंडर के वक्त जमा हो जाती है और अब भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

नगर निगम से मदद की गुहार

संवेदक ने रांची नगर निगम से अनुरोध किया है कि उन्हें रियायत दी जाए. उनके साथ न्याय किया जाए. पीछे कई सालों से स्टैंड का संचालन कर रहे हैं. पहली बार ऐसी स्थिति पैदा हो गई है. मदद नहीं मिली तो वो सरेंडर करने पर मजबूर हो जाएंगे.

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