ETV Bharat / state

अजब जुगाड़ के गजब कारनामेः प्लेन के पहिए से बनाई बाइक, अब उड़ने वाली कार बनाने का है सपना

झारखंड के सरायकेला जिले का रहने वाला एक युवा जो बिना इंजीनियरिंग की डिग्री लिए ही कई ऐसे आविष्कार कर रहा है जो लोगों के लिए लाभदायक है. उसके अविष्कार और विज्ञान के प्रति लगाव को देखते हुए कई बड़े संस्थानों ने उसे सम्मानित भी किया है.

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2023, 12:57 PM IST

Kamdev made bike from wheel of aeroplane
Kamdev made bike from wheel of aeroplane
देखें पूरी खबर

रांची: झारखंड में हुनरमंद युवाओं की कमी नहीं है. पूरे प्रदेश के विभिन्न गांव और सुदूर क्षेत्रों से हुनरमंद युवा अपनी-अपनी कला से देश और दुनिया में झारखंड का नाम रौशन कर रहे हैं. ऐसे ही एक युवा हैं कामदेव. कामदेव झारखंड के सरायकेला जिला से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता और माता आज भी सरायकेला के गांव बसूरदा में रहते हैं. कामदेव ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से पूरी की और फिर उसके बाद जमशेदपुर से फिजिक्स से ग्रेजुएशन किया.

ये भी पढ़ेंः Dhanbad IIT ISM के छात्रों का आविष्कार, बनाया इको फ्रेंडली केमिकल कोटिंग

बचपन से ही था मशीनों से लगाव: कामदेव को बचपन से ही मशीनों में दिल लगता था और वह मशीनों के साथ बचपन से ही रहते थे. वो बताते हैं कि जब वह छोटे थे तो अपने घर के खेतों में उपयोग होने वाले मशीन के साथ भी कुछ न कुछ अपनी तकनीकी दिमाग लगाते रहते थे ताकि उनके माता-पिता को खेती करने में आसानी हो सके.

क्या कहते हैं स्थानीय

फिजिक्स से किया ग्रेजुएशन: उनकी यही रुचि उन्हें आगे लेकर गई और उन्होंने फिजिक्स से ऑनर्स किया. कामदेव बताते हैं कि किसान होने की वजह से वह आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे. इसीलिए वह इंजीनियरिंग नहीं कर पाए, लेकिन इंजीनियरिंग के प्रति उनका लगाव कम नहीं हुआ. फिर उन्होंने फिजिक्स से ऑनर्स करने का फैसला किया. जमशेदपुर से ग्रेजुएशन करने के बाद वह रांची आ गए और रांची में आकर बीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के संपर्क में आए. इंजीनियरिंग के छात्रों से संपर्क में आने के बाद वह अपने रुचि को आगे बढ़ाते चले गए.

इलेक्ट्रिक और बैटरी की कई गाड़ियों का किया आविष्कार: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कामदेव बताते हैं कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे तो उसी वक्त उन्हें यह अनुभव हो गया कि अब आने वाला दिन इलेक्ट्रिक और बैटरी का है. क्योंकि जिस प्रकार से पूरी दुनिया में तेल की कमी हो रही है और तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसे में अब लोगों के लिए बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन ही एक माध्यम बचा है. इसीलिए उन्होंने बैटरी की गाड़ियों का आविष्कार किया. उनके द्वारा कई बैटरी गाड़ियां बनाई गईं. जिसे लोगों ने खूब पसंद भी किया. जेड इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी नाम से उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत की. जिसके अंतर्गत कई बैटरी गाड़ियों का आविष्कार किया.

प्लेन के पहिए से बनाई एक अनोखी बाइक:बैटरी गाड़ियों में एक ऐसी मोटरसाइकिल उन्होंने बनाई, जिसके पहिए एरोप्लेन से लिए गए हैं और वह जब जमीन पर चलती है तो कई गाड़ियों को अपनी रफ्तार से पीछे छोड़ देती है.

अनोखे बल्ब का भी किया आविष्कार: सिर्फ मोटरसाइकिल ही नहीं बल्कि उन्होंने एक ऐसा बल्ब बनाया है, जिस बल्ब का आम लोग उपयोग करके काफी खुश हैं. एलइडी बल्ब के बारे में उन्होंने बताया कि वह बल्ब ऐसा है जो एक साथ तीन वोल्टेज में चल सकता है. अमूमन लोग हाई वोल्टेज और लो वोल्टेज के लिए तीन से चार बल्ब एक ही रूम में लगाते हैं लेकिन उनके द्वारा बनाए गए एक बल्ब में ही लो और हाई वोल्टेज दिया गया है. जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं.

शुरुआती दिनों में कई कठिनाइयों का करना पड़ा सामना: उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. शुरुआत के दिनों में जब वह नए आविष्कार करना चाह रहे थे तो कई कठिनायां आईं, लेकिन बढ़ती कठिनाइयों के बीच भी उनका जोश कम नहीं हुआ. उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में बताया कि शुरुआत के दिनों में पैसे की कमी की वजह से कई तरह के सामान नहीं खरीद पा रहे थे. फिर भी उन्होंने अपने जुनून को कम नहीं किया और वह अपने इंजीनियरिंग और आविष्कार के सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहे. जो आज धीरे-धीरे सफल होता जा रहा है.

आसमान में उड़ने वाली कार के आविष्कार की खोज में लगे हैं कामदेव: उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह एक ऐसी कार का आविष्कार कर रहे हैं, जिसे ड्रोन कार के रूप में देखा जाएगा. इस कार की खासियत होगी कि यह जमीन को छोड़कर भी चल सकती है.

कई संस्थाओं ने किया सम्मानित: उनके बेहतर आविष्कारों और विज्ञान के प्रति लगाव एवं जानकारी को देखते हुए ओडिशा के कलिंगा यूनिवर्सिटी ने उन्हें सम्मानित भी किया है. इसके साथ ही वह कई बड़ी कंपनियों में टेक्निकल एडवाइजर के रूप में काम कर रहे हैं.

कामदेव की उपलब्धि पर स्थानीय लोगों ने जाहिर की खुशी: कामदेव के बेहतर आविष्कारों को लेकर राजधानीवासी राजीव रंजन सिन्हा बताते हैं कि इस तरह के हुनरमंद युवाओं को सरकारी मदद मिलनी चाहिए ताकि झारखंड विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सके.

सरकारी मदद की उम्मीद: अपने विभिन्न आविष्कारों को लेकर कामदेव ने कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें यदि आर्थिक सहयोग दिया जाए तो आने वाले दिनों में वह कई ऐसे आविष्कार करेंगे जो झारखंड और देश के विकास के लिए नई लकीरे खींचेगी.

देखें पूरी खबर

रांची: झारखंड में हुनरमंद युवाओं की कमी नहीं है. पूरे प्रदेश के विभिन्न गांव और सुदूर क्षेत्रों से हुनरमंद युवा अपनी-अपनी कला से देश और दुनिया में झारखंड का नाम रौशन कर रहे हैं. ऐसे ही एक युवा हैं कामदेव. कामदेव झारखंड के सरायकेला जिला से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता और माता आज भी सरायकेला के गांव बसूरदा में रहते हैं. कामदेव ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से पूरी की और फिर उसके बाद जमशेदपुर से फिजिक्स से ग्रेजुएशन किया.

ये भी पढ़ेंः Dhanbad IIT ISM के छात्रों का आविष्कार, बनाया इको फ्रेंडली केमिकल कोटिंग

बचपन से ही था मशीनों से लगाव: कामदेव को बचपन से ही मशीनों में दिल लगता था और वह मशीनों के साथ बचपन से ही रहते थे. वो बताते हैं कि जब वह छोटे थे तो अपने घर के खेतों में उपयोग होने वाले मशीन के साथ भी कुछ न कुछ अपनी तकनीकी दिमाग लगाते रहते थे ताकि उनके माता-पिता को खेती करने में आसानी हो सके.

क्या कहते हैं स्थानीय

फिजिक्स से किया ग्रेजुएशन: उनकी यही रुचि उन्हें आगे लेकर गई और उन्होंने फिजिक्स से ऑनर्स किया. कामदेव बताते हैं कि किसान होने की वजह से वह आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे. इसीलिए वह इंजीनियरिंग नहीं कर पाए, लेकिन इंजीनियरिंग के प्रति उनका लगाव कम नहीं हुआ. फिर उन्होंने फिजिक्स से ऑनर्स करने का फैसला किया. जमशेदपुर से ग्रेजुएशन करने के बाद वह रांची आ गए और रांची में आकर बीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के संपर्क में आए. इंजीनियरिंग के छात्रों से संपर्क में आने के बाद वह अपने रुचि को आगे बढ़ाते चले गए.

इलेक्ट्रिक और बैटरी की कई गाड़ियों का किया आविष्कार: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कामदेव बताते हैं कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे तो उसी वक्त उन्हें यह अनुभव हो गया कि अब आने वाला दिन इलेक्ट्रिक और बैटरी का है. क्योंकि जिस प्रकार से पूरी दुनिया में तेल की कमी हो रही है और तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसे में अब लोगों के लिए बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन ही एक माध्यम बचा है. इसीलिए उन्होंने बैटरी की गाड़ियों का आविष्कार किया. उनके द्वारा कई बैटरी गाड़ियां बनाई गईं. जिसे लोगों ने खूब पसंद भी किया. जेड इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी नाम से उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत की. जिसके अंतर्गत कई बैटरी गाड़ियों का आविष्कार किया.

प्लेन के पहिए से बनाई एक अनोखी बाइक:बैटरी गाड़ियों में एक ऐसी मोटरसाइकिल उन्होंने बनाई, जिसके पहिए एरोप्लेन से लिए गए हैं और वह जब जमीन पर चलती है तो कई गाड़ियों को अपनी रफ्तार से पीछे छोड़ देती है.

अनोखे बल्ब का भी किया आविष्कार: सिर्फ मोटरसाइकिल ही नहीं बल्कि उन्होंने एक ऐसा बल्ब बनाया है, जिस बल्ब का आम लोग उपयोग करके काफी खुश हैं. एलइडी बल्ब के बारे में उन्होंने बताया कि वह बल्ब ऐसा है जो एक साथ तीन वोल्टेज में चल सकता है. अमूमन लोग हाई वोल्टेज और लो वोल्टेज के लिए तीन से चार बल्ब एक ही रूम में लगाते हैं लेकिन उनके द्वारा बनाए गए एक बल्ब में ही लो और हाई वोल्टेज दिया गया है. जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं.

शुरुआती दिनों में कई कठिनाइयों का करना पड़ा सामना: उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. शुरुआत के दिनों में जब वह नए आविष्कार करना चाह रहे थे तो कई कठिनायां आईं, लेकिन बढ़ती कठिनाइयों के बीच भी उनका जोश कम नहीं हुआ. उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में बताया कि शुरुआत के दिनों में पैसे की कमी की वजह से कई तरह के सामान नहीं खरीद पा रहे थे. फिर भी उन्होंने अपने जुनून को कम नहीं किया और वह अपने इंजीनियरिंग और आविष्कार के सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहे. जो आज धीरे-धीरे सफल होता जा रहा है.

आसमान में उड़ने वाली कार के आविष्कार की खोज में लगे हैं कामदेव: उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह एक ऐसी कार का आविष्कार कर रहे हैं, जिसे ड्रोन कार के रूप में देखा जाएगा. इस कार की खासियत होगी कि यह जमीन को छोड़कर भी चल सकती है.

कई संस्थाओं ने किया सम्मानित: उनके बेहतर आविष्कारों और विज्ञान के प्रति लगाव एवं जानकारी को देखते हुए ओडिशा के कलिंगा यूनिवर्सिटी ने उन्हें सम्मानित भी किया है. इसके साथ ही वह कई बड़ी कंपनियों में टेक्निकल एडवाइजर के रूप में काम कर रहे हैं.

कामदेव की उपलब्धि पर स्थानीय लोगों ने जाहिर की खुशी: कामदेव के बेहतर आविष्कारों को लेकर राजधानीवासी राजीव रंजन सिन्हा बताते हैं कि इस तरह के हुनरमंद युवाओं को सरकारी मदद मिलनी चाहिए ताकि झारखंड विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सके.

सरकारी मदद की उम्मीद: अपने विभिन्न आविष्कारों को लेकर कामदेव ने कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें यदि आर्थिक सहयोग दिया जाए तो आने वाले दिनों में वह कई ऐसे आविष्कार करेंगे जो झारखंड और देश के विकास के लिए नई लकीरे खींचेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.