रांची: झारखंड में लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. यह आरोप झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने लगाया है. उन्होंने कहा कि सीएम के नाम आठवां समन का जिक्र मीडिया में आया. लेकिन सवाल है कि जब भी ईडी समन जारी करती है तो नोटिस का मजमून कैसे पब्लिक डोमेन में आ जाता है.
इसका मतलब है कि ईडी राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए, कामकाज को रोकने के लिए इस तरह का काम कर रही है. इसकी वजह से ग्रामीण स्तर पर लोगों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि संशय को खत्म करना जरुरी है. ईडी को क्या-क्या पूछना है, यह बताना होगा. उन्होंने कहा कि कैबिनेट के फैसले के हिसाब से आज सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद आज ईडी दफ्तर नहीं गये.
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ता के रुप में ईडी काम कर रही है. ऐसे में हमें भी ईडी का मुकाबला राजनीतिक रुप से ही करना होगा. अगर राजनीतिक लड़ाई भाजपा की जगह ईडी लड़ेगी तो हमें भी वही करना होगा. ऐसे नहीं चलेगा. लोगों में आक्रोश है. यह आक्रोश कहीं वीभत्स रुप ना ले ले. इससे पहले यह जरुरी है कि ईडी की विश्वसनीयता बनी रही. उसे तथ्यपरक बने रहना होगा. उनसे पूछा गया कि आप ईडी को चेतावनी दे रहे हैं या सलाह. जवाब में सुप्रीयो ने कहा कि हमारा सलाह है कि उन्हें पारदर्शी होना चाहिए. उनसे पूछा गया कि क्या 20 जनवरी को लोगों का आक्रोश दिखेगा. जवाब में उन्होंने कहा कि मैं भविष्यवक्ता नहीं हूं.
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के बाद ईडी सक्रीय थी. इसका लाभ भाजपा को मिला भी. यह खेल झारखंड में खेला जा रहा है. लगातार शिगुफा उड़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समझना चाहिए कि सीएम को पूछताछ के लिए 14 अगस्त को बुलाया था. क्या लोगों को नहीं मालूम कि 14 अगस्त का दिन सीएम के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है. फिर साल की शुरुआत होते ही फिर से सक्रिय हो जाना क्या बताता है. कितने जगहों पर रेड हुआ, ईडी को बताना चाहिए कि कहां से क्या मिला.
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