रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि शनिवार से वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग का एलान हो रहा है. झारखंड में भी इसकी शुरुआत होने जा रही है. इस टीकाकरण काम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सफलतापूर्वक पूरा किया जाएगा. इस दौरान संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के कई फैसलों पर कड़ी आपत्ति सुप्रियो भट्टाचार्य ने दर्ज कराई है.
महाविनाशनी महामारी पर ब्रेक लगाने का काम
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आरटीपीसीआर की शुरुआत कोलकाता के बाद झारखंड में हुई थी. हेमंत सोरेन के कुशल प्रबंधन ने मार्च से ही एक मिशन मोड में काम किया, उसमें डॉक्टर, पुलिस, फ्रंट लाइन वर्कर, सफाई कर्मचारी, आम लोग सब की सहभागिता से हम अपने खराब पड़े सिस्टम को दुरुस्त करते हुए देश में सातवें स्थान पर पहुंचे. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक बार फिर वैक्सीनेशन के अभियान को राज्य में शुरू किया जाएगा. इसके लिए भारत के तमाम वैज्ञानिकों के प्रति झारखंड मुक्ति मोर्चा कृतज्ञता प्रकट करता है. जिन्होंने पूरे विश्व के साथ रात दिन एक कर कोऑर्डिनेशन स्थापित कर महाविनाशनी महामारी को ब्रेक लगाने का काम किया है. इसलिए उन का तहे दिल से स्वागत करते हैं. हेमंत सोरेन के कुशल प्रबंधन की ही देन है कि इस राज्य में बेहतरीन तरीके से महामारी के खिलाफ लगातार लड़ा जा रहा है.
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बीजेपी ने किया है जेपीएससी घोटाला
सुप्रियो ने कहा कि एक रिपोर्ट आई है जोकि इस राज्य के लिए शर्म की बात है. राज्य बनने के बाद 2004 में पहली जेपीएससी और 2008 के जेपीएससी के रिजल्ट में भारी गड़बड़ियां पाई गई हैं. सीबीआई जांच में 55 ऐसे अभ्यर्थियों को चिन्हित किया गया है. जो तत्कालीन जेपीएससी के चेयरमैन और प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के काफी करीबी लोग हैं. तत्कालीन जेपीएससी अध्यक्षों की मेहरबानी से उस दौरान जेपीएससी में भारी गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार हुआ था. तत्कालीन सरकार के मंत्री के रिश्तेदारों को सत्ताधारी दल के विधायक के रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया गया है. भ्रष्टाचार कर लोगों को पास करने का काम किया गया है. यह 55 लोग तत्कालीन सरकार के मेहरबान लोग हैं. इसलिए सीबीआई को झारखंड मुक्ति मोर्चा अभिनंदन देना चाहता है कि देर से ही सही, लेकिन दुरुस्ती के साथ भारतीय जनता पार्टी के विषैले पेड़ को उखाड़ने का काम सीबीआई ने किया है. भारतीय जनता पार्टी ने विषैले पौधे को इस राज्य में स्थापित किया जिसका फल अब धीरे-धीरे मिलने लगा है.
संघीय ढांचे को बर्बाद कर रही है केंद्र सरकार
देश जो कोऑपरेटिव फेडरेशन संघीय व्यवस्था के तहत जो काम करती है. उस व्यवस्था को लगातार केंद्र सरकार बर्बाद कर रही है. रघुवर शासन कार्यकाल में जो बिजली घोटाले हुए हैं, डीवीसी के बकाये की कीमत आज हेमंत सरकार को झेलना पड़ रहा है. केंद्र सरकार के इशारे पर पहली किस्त साढ़े 12 करोड़ फिर दूसरी किस्त सात करोड़ रुपये झारखंड सरकार के खाते से काट लिए गए. आगे भी धमकी दी जा रही है कि और रुपये कांटा जाना है. जबकि झारखंड सरकार केंद्र से 86 करोड़ पाती है और ये सब लैंड रेंट के नाम पर है. जबकि इसके लिए झारखंड के कई गांव तबाह हो गये. इसके बावजूद इस राज्य को केंद्र सरकार लगातार सताने का काम कर रही है. केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिन लोगों ने इस राज्य को बरगलाने का काम किया है, इस राज्य को तबाह किया है. वे लोग स्वच्छ मन से मुख्यमंत्री से माफी मांग ले तो वे माफ कर देंगे, क्योंकि हेमंत सोरेन बड़े दिल के आदमी हैं, लेकिन राज्य की जनता वैसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगी.