रांची: भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 7 जनवरी को झारखंड दौरे पर थे. चाईबासा की सभा में अमित शाह के भाषण के एक अंश को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और आदिवासियों का अपमान करार दिया है (JMM objected to Amit Shah statement).
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अमित शाह ने चाईबासा की सभा में कहा कि हमने और प्रधानमंत्री ने एक आदिवासी गरीब महिला को राष्ट्रपति के पद पर बैठाया है (Amit Shah statement on President Draupadi Murmu). अमित शाह की यह उक्ति हम लोगों को आघात पहुंचाने वाली है क्योंकि क्या इस महान लोकतंत्र में आदिवासी समुदाय में जन्म लेना अनुकंपा का विषय है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति ना सिर्फ देश की प्रमुख हैं बल्कि वह सेना के भी सर्वोच्च कमांडेंट हैं. ऐसे में गृह मंत्री का बयान न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि देशभर के आदिवासी समुदाय के लोगों को अपमानित करने वाला है. ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय और मुख्य न्यायाधीश को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड के लोगों का हेमंत सोरेन पर भरोसा और सरकार में शामिल दलों के बीच की चट्टानी एकता के सामने भाजपा और केंद्र की सरकार टिक नहीं सकी, इसलिए अब वह मंच से कह रहे हैं कि सरकार हम नहीं, जनता गिराएगी. उन्हें बताना चाहिए कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में सरकार जनता ने गिराई या भारतीय जनता पार्टी ने. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा की नीतियों की वजह से देश की सरकारी संपत्तियों की डेमोग्राफी बदल गयी, सारे सरकारी उपक्रम निजी हाथों में चले गये. कोल्हान की जनता ने पहले ही भाजपा को साफ कर दिया था, 2024 का संकेत भी 7 जनवरी की सभा से साफ हो गया गया.
झामुमो नेता ने कहा कि 2 दिसंबर 2019 की तरह ही अमित शाह की 7 जनवरी 2023 की सभा हुई जो बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई और यही वजह है कि जनता द्वारा नकार दिए गए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हताशा में अनाप शनाप बातें की. जनता द्वारा खारिज कर दिए गए भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह ने साफ कर दिया कि उनकी नजर में आदिवासी समुदाय का क्या सम्मान है.
और क्या कहा झामुमो नेता ने: झारखंड में नियोजन नीति को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बजट सबसे पहले राज्य की सरकार एक बेहतर नियोजन नीति बनाकर विधानसभा के समक्ष लाएगीस, इसकी उम्मीद झारखंड मुक्ति मोर्चा को है. रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि अभी उप चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, इसलिए इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना तो तय है कि भारतीय जनता पार्टी और आजसू को रामगढ़ में भी निराशा ही हाथ लगेगी क्योंकि झारखंड में लोकप्रिय हेमंत सोरेन सरकार को मजबूत करने का प्रण रामगढ़ की जनता ने ले रखी है.