रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक होने के बावजूद अक्सर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले लोबिन हेम्ब्रम ने फिर एक बार निशाना साधा है. नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन के लिए वर्तमान सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेवार बताया है. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि गलती होने पर मुआवजा नहीं हर्जाना दिया जाता है. इसलिए उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे में फंसे हमारे मजदूर जब राज्य में लौटे तब सरकार उन्हें 15-15 लाख रुपये का मुआवजा दे और उन मजदूरों या उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे. विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ऐसा नहीं करते हैं तब यह समझा जाएगा कि उनके दिल में आदिवासी, मूलवासी और झारखंडियों के लिये कोई जगह नहीं है.
लोबिन हेम्ब्रम ने सीएम की प्रशंसा के साथ साथ पूछे गंभीर सवालः उत्तरकाशी के टनल में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाले जाने और झारखंड के मजदूरों को हवाई जहाज से वापस लाने की योजना पर उन्होंने खुशी जताई. विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने मुख्यमंत्री से पूछा कि कोरोना काल में भी हवाई जहाज और ट्रेन से मजदूरों को वापस लाया गया था. फिर ये मजदूर 15-20 हजार की नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाकर अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर क्यों हैं? विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य सरकार टनल से सुरक्षित निकाले गए राज्य के मजदूरों को हवाई जहाज से वापस ला रही है, यह प्रशंसा की बात है. कोरोना के समय में भी सरकार ने ऐसा किया था. लेकिन वापस आये मजदूर फिर से मजदूरी के लिए दूसरे राज्य चले गए , इसकी वजह क्या रही. इसका जवाब सरकार को देना चाहिए.
अभी तक स्थानीय नीति नहीं बना सकी सरकार, नियुक्तियां भी सिर्फ कोर्ट के आदेश परः हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को राज्य के युवाओं को नौकरी और रोजगार देने में पूरी तरह उन्होंने विफल बताया. झामुमो विधायक ने कहा कि जो भी नियुक्तियां राज्य में पिछले दिनों हुई हैं वह अदालत के आदेश के बाद की गयी है. झामुमो नेता ने कहा कि राज्य के युवा और छात्र नौकरी की मांग कर रहे हैं और राज्य की सरकार चुप्पी साधे बैठी है.
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