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सीएम हेमंत मामले में चुनाव आयोग में पक्षकार बनना चाहती है झामुमो, राज्यपाल से पार्टी ने किया आग्रह, बताई वजह

जेएमएम ने राज्यपाल रमेश बैस को एक पत्र भेजा है, जिसमें चुनाव आयोग में सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता से जुड़े मामले में पार्टी को भी पक्षकार बनाने की मांग की गई है.

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राज्यपाल रमेश बैस (फाइल फोटो)
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Published : May 27, 2022, 6:46 PM IST

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय ने राज्यपाल रमेश बैस को पत्र भेजा है. उन्होंने चुनाव आयोग में सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता से जुड़े मामले में पार्टी को पक्षकार बनाने की मांग की है. झामुमो की दलील है कि हेमंत सोरेन पार्टी के सदस्य हैं. उन्होंने झामुमो की टिकट पर चुनाव जीता था. उसी आधार पर उन्हें झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया था. लेकिन भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची है. इसलिए 31 मई को उनकी सदस्यता के मसले पर आयोग में होने वाली सुनवाई में झामुमो को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए.

झामुमो ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि उनके आवेदन को जल्द से जल्द चुनाव आयोग को प्रेषित किया जाए, ताकि आयोग के सामने सही तथ्य रखे जा सकें. झामुमो का कहना है कि इस मामले में चुनाव आयोग के किसी भी तरह के आदेश से पार्टी का अधिकार और हित प्रभावित होगा. इसलिए इस मामले में पार्टी की तरफ से आयोग में पक्ष रखा जाना बेहद जरूरी है.

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जेएमएम का पत्र
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जेएमएम का पत्र

आपको बता दें कि भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल में 14 फरवरी 2022 को राज्पाल से मुलाकात की थी. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पद का दुरूपयोग कर अपने नाम से खनन पट्टा लिया है. इसलिए जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 9(ए) के तहत सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. जिसे राज्यपाल ने संविधान की धारा 192(1) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए चुनाव आयोग को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित किया था. इसपर आयोग ने 10 मई तक जवाब मांगा था. लेकिन सीएम की तरफ से जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगे जाने पर उन्हें 20 मई तक का समय दिया गया था. इस मामले में सीएम की तरफ से जवाब दाखिल करने के बाद आयोग ने 31 मई को सुनवाई की तारीख तय की है.

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय ने राज्यपाल रमेश बैस को पत्र भेजा है. उन्होंने चुनाव आयोग में सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता से जुड़े मामले में पार्टी को पक्षकार बनाने की मांग की है. झामुमो की दलील है कि हेमंत सोरेन पार्टी के सदस्य हैं. उन्होंने झामुमो की टिकट पर चुनाव जीता था. उसी आधार पर उन्हें झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया था. लेकिन भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची है. इसलिए 31 मई को उनकी सदस्यता के मसले पर आयोग में होने वाली सुनवाई में झामुमो को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए.

झामुमो ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि उनके आवेदन को जल्द से जल्द चुनाव आयोग को प्रेषित किया जाए, ताकि आयोग के सामने सही तथ्य रखे जा सकें. झामुमो का कहना है कि इस मामले में चुनाव आयोग के किसी भी तरह के आदेश से पार्टी का अधिकार और हित प्रभावित होगा. इसलिए इस मामले में पार्टी की तरफ से आयोग में पक्ष रखा जाना बेहद जरूरी है.

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जेएमएम का पत्र
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जेएमएम का पत्र

आपको बता दें कि भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल में 14 फरवरी 2022 को राज्पाल से मुलाकात की थी. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पद का दुरूपयोग कर अपने नाम से खनन पट्टा लिया है. इसलिए जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 9(ए) के तहत सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. जिसे राज्यपाल ने संविधान की धारा 192(1) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए चुनाव आयोग को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित किया था. इसपर आयोग ने 10 मई तक जवाब मांगा था. लेकिन सीएम की तरफ से जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगे जाने पर उन्हें 20 मई तक का समय दिया गया था. इस मामले में सीएम की तरफ से जवाब दाखिल करने के बाद आयोग ने 31 मई को सुनवाई की तारीख तय की है.

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