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फादर स्टेन स्वामी की हुई हत्या, न्याय के लिए राष्ट्रपति भवन का भी तय करेंगे सफर: जेएमएम

फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swami) की न्यायिक हिरासत में मौत के बाद झारखंड की राजनीति (Jharkhand Politics) गरमा गई है. कई सामाजिक संगठन लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं जेएमएम ने भी फादर स्टेन स्वामी की मौत को हत्या करार दिया है. जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा, कि देश के चुनिंदा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही, जो दलितों, शोषितों, अल्पसंख्यकों और मजदूरों की बात करते हैं.

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सुप्रियो भट्टाचार्य
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Published : Jul 7, 2021, 8:16 PM IST

रांची: जेएमएम ने फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swami) की मौत को न्यायिक हिरासत में हत्या करार दिया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, कि स्टेन स्वामी को जिस केस के साथ जोड़ा गया, वह संपूर्ण आंदोलन एक दलित चेतना का आंदोलन था, उस आंदोलन को लोगों के जहन से हटाने के लिए उसे देश विरोधी आंदोलन बताया.


इसे भी पढे़ं: Father Stan Swamy Death: स्टेन स्वामी की मौत की जांच के लिए कोर्ट जाने की तैयारी, बड़े वकीलों के साथ हो रही बात



सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि देश के चुनिंदा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जो दलितों, शोषितों, अल्पसंख्यकों और मजदूरों की बात करते हैं, उन विचारक और लेखकों को चुन-चुन कर फंसाया गया, जिसमें फादर स्टेन स्वामी भी एक आरोपी बनाए गए. उन्होंने कहा, कि जब फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी हुई थी, उस समय भी वह अस्वस्थ थे, कई बीमारियों के बावजूद उन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार कर महाराष्ट्र के जेल में डाला गया, जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन आदिवासी मूलवासी के लिए आवाज उठाने में लगाया, उनके स्वर को ही बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु बड़ी चुनौती लेकर सामने आई है, क्या इस देश में आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, मजदूरों, महिला अधिकार की बात करने पर रोक लगा दी गई है.

जेएमएम की पीसी

जेएमएम ने किया नए राज्यपाल का स्वागत
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि इसे संयोग नहीं कहेंगे इसे एक सोच कहेंगे, कि आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाले स्टेन स्वामी की मौत हुई है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, कि दूसरी तरफ राज्य की महिला आदिवासी गवर्नर को भी बदल दिया गया. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि जेएमएम नए राज्यपाल का स्वागत करता है, लेकिन जिस सोच के साथ इस राज्य में लोगों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, आदिवासी मूलवासियों के खिलाफ, दलित, अल्पसंख्यकों के खिलाफ जिस प्रकार की सोच बीजेपी में देखने को मिली है, वह भयावह है.

इसे भी पढे़ं: फादर स्टेन स्वामी की मौत के मामले में विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से दखल की मांग की

बीजेपी पर साधा निशाना

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि मुख्यमंत्री ने एक पत्र लिखा है और देश के 9 बड़े नेताओं ने फादर स्टेन स्वामी की संस्थागत मृत्यु हुई है, उस पर रिस्पांसिबिलिटी फिक्स करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, कि अगर बीजेपी के खिलाफ कोई आवाज उठता है, महंगाई के खिलाफ कोई बात करता है, अपने हक की कोई बात करता है, तो उस आवाज को आने वाले समय में दबा दिया जाएगा, इसलिए इस गंभीर चुनौती को स्वीकार करते हैं.

फादर स्टेन स्वामी की शहादत नहीं होगी बेकार: जेएमएम
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि कोरोना काल में कुछ मजबूरियां है, इस वजह से बड़े जन आंदोलन, बड़े गोलबंदी की मनाही है, लेकिन फादर स्टेन स्वामी की शहादत बेकार जाने नहीं देंगे, उनके शहादत को पूरी ऊंचाई के साथ आगे ले जाएंगे और जो सवाल है, उन सवालों को कभी मरने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, कि अभी राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी गई है, अगर उनके द्वारा इसे गंभीरता से लेकर निर्देश दिया जाता है, तो ठीक है नहीं तो जरूरत पड़ने पर जेएमएम साथी दलों के साथ राष्ट्रपति भवन का भी सफर तय करेगी.

रांची: जेएमएम ने फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swami) की मौत को न्यायिक हिरासत में हत्या करार दिया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, कि स्टेन स्वामी को जिस केस के साथ जोड़ा गया, वह संपूर्ण आंदोलन एक दलित चेतना का आंदोलन था, उस आंदोलन को लोगों के जहन से हटाने के लिए उसे देश विरोधी आंदोलन बताया.


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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि देश के चुनिंदा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जो दलितों, शोषितों, अल्पसंख्यकों और मजदूरों की बात करते हैं, उन विचारक और लेखकों को चुन-चुन कर फंसाया गया, जिसमें फादर स्टेन स्वामी भी एक आरोपी बनाए गए. उन्होंने कहा, कि जब फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी हुई थी, उस समय भी वह अस्वस्थ थे, कई बीमारियों के बावजूद उन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार कर महाराष्ट्र के जेल में डाला गया, जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन आदिवासी मूलवासी के लिए आवाज उठाने में लगाया, उनके स्वर को ही बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु बड़ी चुनौती लेकर सामने आई है, क्या इस देश में आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, मजदूरों, महिला अधिकार की बात करने पर रोक लगा दी गई है.

जेएमएम की पीसी

जेएमएम ने किया नए राज्यपाल का स्वागत
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि इसे संयोग नहीं कहेंगे इसे एक सोच कहेंगे, कि आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाले स्टेन स्वामी की मौत हुई है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, कि दूसरी तरफ राज्य की महिला आदिवासी गवर्नर को भी बदल दिया गया. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि जेएमएम नए राज्यपाल का स्वागत करता है, लेकिन जिस सोच के साथ इस राज्य में लोगों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, आदिवासी मूलवासियों के खिलाफ, दलित, अल्पसंख्यकों के खिलाफ जिस प्रकार की सोच बीजेपी में देखने को मिली है, वह भयावह है.

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बीजेपी पर साधा निशाना

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि मुख्यमंत्री ने एक पत्र लिखा है और देश के 9 बड़े नेताओं ने फादर स्टेन स्वामी की संस्थागत मृत्यु हुई है, उस पर रिस्पांसिबिलिटी फिक्स करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, कि अगर बीजेपी के खिलाफ कोई आवाज उठता है, महंगाई के खिलाफ कोई बात करता है, अपने हक की कोई बात करता है, तो उस आवाज को आने वाले समय में दबा दिया जाएगा, इसलिए इस गंभीर चुनौती को स्वीकार करते हैं.

फादर स्टेन स्वामी की शहादत नहीं होगी बेकार: जेएमएम
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि कोरोना काल में कुछ मजबूरियां है, इस वजह से बड़े जन आंदोलन, बड़े गोलबंदी की मनाही है, लेकिन फादर स्टेन स्वामी की शहादत बेकार जाने नहीं देंगे, उनके शहादत को पूरी ऊंचाई के साथ आगे ले जाएंगे और जो सवाल है, उन सवालों को कभी मरने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, कि अभी राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी गई है, अगर उनके द्वारा इसे गंभीरता से लेकर निर्देश दिया जाता है, तो ठीक है नहीं तो जरूरत पड़ने पर जेएमएम साथी दलों के साथ राष्ट्रपति भवन का भी सफर तय करेगी.

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