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Delegation Met CM In Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला झामुमो और कांग्रेस का शिष्टमंडल, बाजार शुल्क लगाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शनिवार को झामुमो और कांग्रेस नेताओं का एक शिष्टमंडल ने मिलकर कृषि बाजार शुल्क में दो प्रतिशत टैक्स लगाए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. इस दौरान सीएम को अवगत कराया गया कि व्यवसायियों की हड़ताल की वजह से कारोबार ठप पड़ गया है.

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JMM And Congress Delegation Met Chief Minister
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Published : Feb 18, 2023, 6:07 PM IST

रांचीः राज्य में कृषि बाजार शुल्क दो प्रतिशत लगाए जाने के खिलाफ व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही. हड़ताल की वजह से राज्य में खाद्यान्न सहित अन्य व्यवसायिक गतिविधि प्रभावित हुई है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस नेताओं का एक शिष्टमंडल ने मिलकर कृषि बाजार शुल्क पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद पांडे, फागु बेसरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष कुमार राजा शामिल थे.

ये भी पढे़ं-Movement of businessmen in Ranchi: व्यवसायियों ने किया कृषि मंत्री के आवास का घेराव, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

मुख्यमंत्री से दो प्रतिशत टैक्स पर पुनर्विचार करने का आग्रहः इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में दो प्रतिशत टैक्स लगाए जाने के प्रावधान पर विचार करने का आग्रह किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया की केंद्र सरकार की जीएसटी में वृद्धि जैसी जनविरोधी नीतियों से पहले से ही राज्य और देश की जनता त्रस्त है. ऐसी परिस्थिति में जनता के हित में बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में दो प्रतिशत टैक्स के प्रावधान से जनता पर महंगाई का बोझ पड़ने की संभावना है. इसलिए इस पर पुनर्विचार करते हुए उचित निर्णय लिया जाए.

व्यवसायियों की हड़ताल से कराया अवगतः प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक-2022 की वजह से राज्य में चल रहे व्यवसायियों की हड़ताल और व्यवसायिक कारोबार पर पड़ रहे असर से अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल की बातों को गंभीरता से लेते हुए विचार करने का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद इसका समाधान जल्द निकलने की संभावना प्रबल हो गई है.

व्यवसायियों ने विरोध मार्च निकाल कर जताया रोषः इधर व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से राज्य में खाद्यान्न से लेकर सब्जी और फलों का थोक व्यवसाय चौथे दिन भी ठप रहा. अपर बाजार में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले व्यवसायियों ने विरोध मार्च निकाला और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए. कृषि बाजार शुल्क को काला कानून बताते हुए झारखंड चैंबर ने इसे वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है.

रांचीः राज्य में कृषि बाजार शुल्क दो प्रतिशत लगाए जाने के खिलाफ व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही. हड़ताल की वजह से राज्य में खाद्यान्न सहित अन्य व्यवसायिक गतिविधि प्रभावित हुई है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस नेताओं का एक शिष्टमंडल ने मिलकर कृषि बाजार शुल्क पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद पांडे, फागु बेसरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष कुमार राजा शामिल थे.

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मुख्यमंत्री से दो प्रतिशत टैक्स पर पुनर्विचार करने का आग्रहः इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में दो प्रतिशत टैक्स लगाए जाने के प्रावधान पर विचार करने का आग्रह किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया की केंद्र सरकार की जीएसटी में वृद्धि जैसी जनविरोधी नीतियों से पहले से ही राज्य और देश की जनता त्रस्त है. ऐसी परिस्थिति में जनता के हित में बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में दो प्रतिशत टैक्स के प्रावधान से जनता पर महंगाई का बोझ पड़ने की संभावना है. इसलिए इस पर पुनर्विचार करते हुए उचित निर्णय लिया जाए.

व्यवसायियों की हड़ताल से कराया अवगतः प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक-2022 की वजह से राज्य में चल रहे व्यवसायियों की हड़ताल और व्यवसायिक कारोबार पर पड़ रहे असर से अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल की बातों को गंभीरता से लेते हुए विचार करने का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद इसका समाधान जल्द निकलने की संभावना प्रबल हो गई है.

व्यवसायियों ने विरोध मार्च निकाल कर जताया रोषः इधर व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से राज्य में खाद्यान्न से लेकर सब्जी और फलों का थोक व्यवसाय चौथे दिन भी ठप रहा. अपर बाजार में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले व्यवसायियों ने विरोध मार्च निकाला और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए. कृषि बाजार शुल्क को काला कानून बताते हुए झारखंड चैंबर ने इसे वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है.

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