रांचीः दिनभर मुख्यमंत्री आवास पर राजनीतिक हलचल के बाद शाम होते होते मुख्यमंत्री के साथ रणनीति बनाने के बाद मंत्री, विधायक और राज्यसभा सांसद वापस लौट गए. सभी लोगों ने एक सुर में कहा कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है. नेताओं ने कहा कि भाजपा पर साजिश करने और संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगया है.
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि अभी तक राजभवन से निर्वाचन आयोग के फैसले की कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन भाजपा के नेता जरूर आयोग के फैसले की जानकारी दे रहे हैं. यह बताता है कि आज संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है(misuse of constitutional institutions), अगर ऐसा नहीं है तो आयोग को भाजपा के नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए, जो आयोग की गुप्त अनुशंसा को सार्वजनिक कर रहे हैं. मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और आंकड़ा हमारे पास है, उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ विधायक भी उनके स्पंर्क में हैं. स्टीफन मरांडी ने कहा कि राज्य में कोई सियासी समस्या नहीं है और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार अपना काम करती रहेगी, उन्होंने कहा कि कोई सेकंड या थर्ड प्लान नहीं बना है. क्योंकि इसकी जरूरत ही नहीं है. जब राजभवन से जानकारी मिलेगी तब फैसला लिया जाएगा.
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि आज मुख्यमंत्री के साथ हम लोगों ने बैठकर वर्तमान परिस्थिति पर बात की है. लेकिन सवाल यह है कि जो सीलबंद रिपोर्ट राजभवन को मिली. वह भाजपा नेताओं के पास पहले कैसे पहुंच गई. इस मामले पर तो निर्वाचन आयोग को भाजपा नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झामुमो संघर्ष की पार्टी है और जनसमर्थन झामुमो और हेमंत सोरेन के साथ है. ऐसे में सरकार को कोई खतरा नहीं है और सड़क से सदन तक झामुमो संघर्ष करेगा.
वहीं मुख्यमंत्री आवास से निकलते समय मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने रहेंगे और किसी अन्य विकल्प पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है. राज्य के लेबर मिनिस्टर सत्यानंद भोक्ता, खेल मंत्री हफीजूल हसन अंसारी एवं अन्य झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस के नेता मीडिया से बात करने से बचते दिखे. इस बीच अब कयास यह लगाया जा रहा है कि संभवत शुक्रवार को राजभवन निर्वाचन आयोग की अनुशंसा की सूचना से विधानसभा और मुख्यमंत्री को अवगत कराएगा.