ETV Bharat / state

गरिमा परियोजना से डायन कुप्रथा मुक्त होगा झारखंड, सुरक्षा और काउंसलिंग की व्यवस्था करेगी सरकार - Ranchi News

झारखंड को गरिमा परियोजना के जरिए डायन कुप्रथा से मुक्त किया जाएगा. इस परियोजना के जरिए गांव-गांव जागरुकता अभियान चलाया जाएगा और पीड़ित महिलाओं को सशक्त आजीविका से जोड़ा जाएगा.

Jharkhand will be free from evil practice
गरिमा परियोजना के जरिए डायन कुप्रथा से मुक्त होगा झारखंड
author img

By

Published : Dec 23, 2021, 9:09 AM IST

Updated : Dec 23, 2021, 1:05 PM IST

रांचीः झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) की ओर से डायन कुप्रथा मुक्त झारखंड विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला के दूसरे दिन ग्रामीण विकास सचिव डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि गरिमा परियोजना एक शुरुआत है, जिसका लक्ष्य झारखंड को डायन कुप्रथा से मुक्त करना है. उन्होंने कहा कि गरिमा परियोजना के माध्यम से वल्नेबरिलिटी मैंपिंग और ग्राम संगठनों को प्रशिक्षण देकर डायन कुप्रथा उन्मूलन को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जेंडर मंच बनाया जाएगा. यह मंच डायन कुप्रथा जैसे अंधविश्वास के खिलाफ समाज को जागरूक करेगा.

यह भी पढ़ेंःगिरिडीह में डायन-बिसाही का आरोप लगा महिला की पिटाई, बकरी मार डाला

डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि सखी मंडल की बहनों की ओर से गांव-गांव में नुक्कड़ नाटक आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही डायन पीड़ितों को सुरक्षा और काउंसलिंग की व्यवस्था भी गरिमा परियोजना के जरिए की जाएगी. उन्होंने कहा कि डायन पीड़ित महिलाओं को पुनर्वास पर भी काम भी किया जाएगा और सशक्त आजीविका से भी जोड़ा जाएगा.

महिलाओं को सशक्त आजीविका से जोड़ना होगा

शिक्षाविद् और यूजीसी वीमेंस सेंटर की प्रमुख डॉ. सुनीता रॉय ने कहा कि समाज को शिक्षित बनाकर ही डायन कुप्रथा से मुक्ति मिल सकती है. उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण इलाकों में ओझा-गुणी है और झाड़-फूक जैसी कुप्रथा कायम है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करने के साथ साथ प्रशिक्षण देकर सशक्त आजीविका से जोड़ना जरूरी है. उन्होंने समाज में लैंगिंक समानता और महिला सशक्तिकरण की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि किन्नरों को भी जागरुकता अभियान से जोड़ने की जरुरत है. झालसा के संतोष कुमार ने कहा कि झालसा राज्य में डायन कुप्रथा पीड़ितों को कानूनी मदद करने के लिए लगातार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हमें वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झालसा की ओर से स्कूलों में लीगल साक्षरता क्लब का गठन किया जाएगा, जो डायन कुप्रथा उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

बच्चों को भी जागरूक करने की जरूरत

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के वाइस चांसलर डॉ. केशव राव ने कहा कि बच्चों को डायन कुप्रथा से संबंधित जानकारी देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस कुप्रथा के उन्मूलन को लेकर मिलकर काम करना होगा. सीआईपी के निदेशक डॉ. बासुदेव प्रसाद ने कहा कि गरिमा परियोजना के तहत सीआईपी मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोचिकित्सीय सहयोग के लिए कार्य करेगा. जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय ने कहा कि सखी मंडल की बहनों के जरिए गांव–गांव तक जागरुकता का कार्य किया जाएगा.

रांचीः झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) की ओर से डायन कुप्रथा मुक्त झारखंड विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला के दूसरे दिन ग्रामीण विकास सचिव डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि गरिमा परियोजना एक शुरुआत है, जिसका लक्ष्य झारखंड को डायन कुप्रथा से मुक्त करना है. उन्होंने कहा कि गरिमा परियोजना के माध्यम से वल्नेबरिलिटी मैंपिंग और ग्राम संगठनों को प्रशिक्षण देकर डायन कुप्रथा उन्मूलन को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जेंडर मंच बनाया जाएगा. यह मंच डायन कुप्रथा जैसे अंधविश्वास के खिलाफ समाज को जागरूक करेगा.

यह भी पढ़ेंःगिरिडीह में डायन-बिसाही का आरोप लगा महिला की पिटाई, बकरी मार डाला

डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि सखी मंडल की बहनों की ओर से गांव-गांव में नुक्कड़ नाटक आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही डायन पीड़ितों को सुरक्षा और काउंसलिंग की व्यवस्था भी गरिमा परियोजना के जरिए की जाएगी. उन्होंने कहा कि डायन पीड़ित महिलाओं को पुनर्वास पर भी काम भी किया जाएगा और सशक्त आजीविका से भी जोड़ा जाएगा.

महिलाओं को सशक्त आजीविका से जोड़ना होगा

शिक्षाविद् और यूजीसी वीमेंस सेंटर की प्रमुख डॉ. सुनीता रॉय ने कहा कि समाज को शिक्षित बनाकर ही डायन कुप्रथा से मुक्ति मिल सकती है. उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण इलाकों में ओझा-गुणी है और झाड़-फूक जैसी कुप्रथा कायम है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करने के साथ साथ प्रशिक्षण देकर सशक्त आजीविका से जोड़ना जरूरी है. उन्होंने समाज में लैंगिंक समानता और महिला सशक्तिकरण की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि किन्नरों को भी जागरुकता अभियान से जोड़ने की जरुरत है. झालसा के संतोष कुमार ने कहा कि झालसा राज्य में डायन कुप्रथा पीड़ितों को कानूनी मदद करने के लिए लगातार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हमें वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झालसा की ओर से स्कूलों में लीगल साक्षरता क्लब का गठन किया जाएगा, जो डायन कुप्रथा उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

बच्चों को भी जागरूक करने की जरूरत

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के वाइस चांसलर डॉ. केशव राव ने कहा कि बच्चों को डायन कुप्रथा से संबंधित जानकारी देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस कुप्रथा के उन्मूलन को लेकर मिलकर काम करना होगा. सीआईपी के निदेशक डॉ. बासुदेव प्रसाद ने कहा कि गरिमा परियोजना के तहत सीआईपी मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोचिकित्सीय सहयोग के लिए कार्य करेगा. जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय ने कहा कि सखी मंडल की बहनों के जरिए गांव–गांव तक जागरुकता का कार्य किया जाएगा.

Last Updated : Dec 23, 2021, 1:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.