रांचीः बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद झारखंड राज्य मेडिकल पर्षद (Jharkhand State Medical council) की नई नियमावली बनाई जा रही है. नियमावली बनने से पहले ही पर्षद ने प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है. पार्षद ने यह निर्णय लिया है कि बिना रजिस्ट्रेशन कर रहे डॉक्टर 31 मार्च 2022 तक निबंधन करा लें. विलंब शुल्क नहीं लगेगा. इसके बाद निबंधन कराने पर विलंब शुल्क देना पड़ेगा.
झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल के निबंधक डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि किसी डॉक्टर ने MBBS के बाद MD, MS, DM, MCH या कोई अन्य सुपर स्पेशलिटी डिग्री हासिल की है तो उनका भी निबंधन झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल में कराना होगा. अगर डॉक्टर निबंधन नहीं कराते हैं, तो दंड का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2022 तक पीजी या उच्चस्थ डिग्री का रजिस्ट्रेशन पर कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा.
बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने नहीं कराया है रजिस्ट्रेशन
झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार ने कहा कि 2000 से अधिक वैसे डॉक्टरों की संख्या हैं, जो एमबीबीएस करने के बाद काउंसिल में पीजी या उच्चस्थ डिग्री को लेकर कोई जानकारी दी है. लेकिन डॉक्टरों को जनकारी देना अनिवार्य है.
झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल में रेजिस्ट्रेशन शुल्क
झारखंड में प्रैक्टिस करने वाले या सेवा देने वाले डॉक्टरों का झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल से निबंधन कराना जरूरी है. एमबीबीएस के बाद निबंधन शुल्क 2000 रुपये है. पीजी या उच्चस्थ अन्य डिग्री के लिए 700 रुपये और किसी अन्य राज्य से एमबीबीएस डॉक्टरों को एनओसी के लिए 1000 रुपये शुल्क का प्रावधान किया गया है.
काउंसिल के फैसले का डॉक्टरों ने किया स्वागत
31 जनवरी 2022 तक पीजी या विशेषज्ञ डॉक्टरों के निबंधन कराने पर विलंब शुल्क में छूट देने से डॉक्टर खुश हैं. राजधानी रांची में प्रैक्टिस कर रहे अधिकतर डॉक्टरों ने कहा कि फाइन भी सजा है, जिससे मुक्ति मिली है. निर्धारित समय के भीतर रजिस्ट्रेशन करा लिया जाएगा.