रांची: केंद्रीय विद्यालय माध्यमिक समिति (सीबीएसई) इस महीने देश के विभिन्न शहरों के प्रतिष्ठित 35 विद्यालयों में क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन कर रही है. इस प्रतियोगिता में CBSE स्कूल रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, पाकुड़, पलामू, चतरा, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिले के 33 विद्यालय (Jharkhand schools in CBSE science exhibition) के छात्र विभिन्न विषयों पर आधारित 52 मॉडल के साथ 105 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.
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दो दिवसीय क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी: सीबीएसई नई दिल्ली के तत्वावधान में झारखंड, हरियाणा और कोयंबटूर में दो दिवसीय क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी 2022-23 का आयोजन किया जा रहा है. विज्ञान प्रदर्शनी के पहले दिन CBSE (Central Board of Secondary Education), पटना प्रक्षेत्र के अंतर्गत जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया. देश के विकास में तकनीकी और कौशल विकास महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के इन विचारों को साकार करने और छात्रों में नवीन विचारों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय विद्यालय माध्यमिक समिति (सीबीएसई) इस महीने देश के विभिन्न शहरों के प्रतिष्ठित 35 विद्यालयों में क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन कर रही है.
विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों की दिखी प्रतिभा: दो दिवसीय इस विज्ञान प्रदर्शनी में जूनियर और सीनियर दो कैटेगरीज रखी गई है. जूनियर में कक्षा छठी से आठवीं और सीनियर कैटेगरी में नवीं से ग्यारहवीं तक के विद्यार्थी शामिल हैं. सीबीएसई स्कूलों के छात्र एक ही छत के नीचे विभिन्न विषयों के सात कैटेगरी के अंतर्गत सूचना संचार प्रौद्योगिकी में उन्नति में लाइफ वायरलेस कम्युनिकेशन, पर्यावरण के अनुकूल सामग्री में इलाइट सिक्योरिटी सेक्टर, बायो सेंसर, फ्यूचर ऑफ एग्रीकल्चर, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, वेस्ट एंड रोड मेटेरियल, वेव इलेक्ट्रिसिटी, एप्प के द्वारा बॉडी कंट्रोल और घर में रोशनी, हवा से जल निर्माण, वेस्ट कंट्रोलर, शोल-लाइट, इलेक्ट्रिकल वेस्ट डिस्पोजल, वर्तमान नवाचार के साथ ऐतिहासिक विकास में फिजियो इलेक्ट्रिक सिटी, इन्नोवेटिव ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम फ़ॉर फ्यूचर यूज, और हमारे आसपास गणितीय संकल्पनाओं पर आधारित कई आकर्षक मॉडल प्रदर्शित कर रहे हैं. जिनसे दर्शकों और छात्रों में काफी उत्सुकता और उत्साह का माहौल देखा जा रहा है.
विजेता की घोषणा 2023 में: किशोर वैज्ञानिक के इन मॉडलों का मूल्यांकन CBSE द्वारा अनुमोदित झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अनुभव प्राप्त प्राध्यापक, वैज्ञानिक और चिकित्सक की टीम द्वारा किया जा रहा है. जिनमें छात्रों की रचनात्मकता, कल्पना, मौलिकता, नवीनता, वैज्ञानिक विचार-सिद्धांत-दृष्टिकोण, तकनीकी कौशल, आर्थिक स्थायित्व तथा प्रस्तुति को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है. इसमें चयनित विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तरीय प्रदर्शनी का हिस्सा बनेंगे. जिसके विजेता की घोषणा अगले वर्ष 2023 में एनसीईआरटी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के दौरान की जाएगी.
दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत: विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन CBSE, पटना, प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर और मेकॉन के तकनीकी निदेशक एके अग्रवाल, विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर CBSE के सिटी कॉर्डिनेटर और दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य राम सिंह और सहोदया समूह रांची काम्प्लेक्स के अध्यक्ष सह जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के प्राचार्य समरजीत जाना सहित DAV के सहायक क्षेत्रीय निदेशक और DAV हेहल के प्राचार्य एम के सिन्हा, फिराया लाल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य नीरज कुमार सिन्हा भी मौजूद थे. इस दौरान जेवीएम श्यामली स्कूल की छात्राओं ने मनोरम नृत्य प्रस्तुत किया.
विज्ञान प्रदर्शनी के 3 विचारधाराएं: इस मौके पर जेवीएम श्यामली के प्राचार्य समरजीत जाना ने CBSE के इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह विज्ञान प्रदर्शनी तीन मुख्य विचारधाराओं इनोवेशन, कम लागत और व्यवहारिकता को समेटे हुए है. यह विज्ञान प्रदर्शनी किशोर मस्तिष्क के बीच एक वैज्ञानिक और रचनात्मक दृष्टिकोण का निर्माण करने का प्रयास करेगी. जिससे देश में कई छात्र वैज्ञानिक की भूमिका अदा करेंगे. नवीन आविष्कारों के जनक साबित होंगे. इससे छात्रों को विज्ञान के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानने का भी मौका मिलेगा.
तकनीक और खिलौने की थीम: CBSE, पटना प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए सभी प्रतिभागी छात्रों को शुभकामना दी. साथ ही विज्ञान प्रदर्शनी के औचित्य पर प्रकाश डाला और कहा कि 'तकनीक और खिलौने' थीम पर आधारित प्रदर्शनी छात्रों के मन और विचारों में सृजनात्मकता लाएगा. जिससे छात्र जीवन के विविध पहलुओं को सूक्ष्मता से समझ सकेंगे.