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Jharkhand Rajbhavan Garden Open: 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खुलेगा राजभवन का दरवाजा, पहचान पत्र साथ लेकर जाएं घूमने - Ranchi News

देश के खूबसूरत राजभवनों में एक झारखंड के राजभवन को 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खोला जा रहा है. आम लोग 7 फरवरी तक राजभवन की खूबसूरती को देख तरोताजा हो सकते हैं. इस साल राजभवन में हजारों गुलाब के पौधों के साथ कई किस्म के सीजनल फ्लावर देखने को मिलेंगे. इसके अलावा भी कई चीजें हैं, जो लोगों को बरबस आकर्षित करेंगे. राजभवन के अशोक उद्यान के दीदार के लिए पहचान पत्र अनिवार्य है. साथ ही यहां एंट्री के टाइम भी फिक्स हैं.

Jharkhand Rajbhavan open for common people
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Published : Jan 30, 2023, 8:06 PM IST

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रांची: देश के खूबसूरत राजभवनों में झारखंड का राजभवन भी शामिल है. करीब 52 एकड़ क्षेत्र में फैले राजभवन परिसर के रॉयल गार्डन की खूबसूरती भी खास है. पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के समय पहली बार आम जन के लिए राजभवन का गेट खोला गया था. उस समय से शुरू की गई परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, 31 जनवरी से राज्य की जनता के लिए राजभवन का गेट खोल दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति भवन के 'मुगल गार्डन' का नाम अब 'अमृत उद्यान', जनता के लिए 31 जनवरी से खुलेगा

31 जनवरी से 7 फरवरी तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा राजभवन: झारखंड राजभवन को इस साल 31 जनवरी से 7 फरवरी तक आम जनता के लिए खोला जाएगा. आम जनता को राजभवन के गेट नंबर 02 से प्रवेश दिया जाएगा. सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक राज्य की जनता राजभवन के गार्डन का दीदार कर सकती है. प्रवेश दोपहर 1 बजे तक होगा. राजभवन में प्रवेश के लिए कोई भी पहचान पत्र पास रखना और कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.

300 वेराइटी के 15000 गुलाब के पौधे और 43 किस्म के हैं सीजनल फ्लावर: इस साल राजभवन के रॉयल गार्डन में देश विदेश के 300 प्रजातियों के 15000 गुलाब के पौधे हैं, जो आकर्षक फूलों से भरा है. लाल, काले, पीले, मैरून, हरे, सफेद और तरह-तरह के गुलाब के फूल बरबस हर किसी को आकर्षित करते हैं. स्वीट विलियम, पेन्जी, सालविया, इंग्लिश डेजी, पिटूनिया, चेरी गोल्ड, डहेलिया, गेंदा जैसे देसी विदेशी सीजनल फूलों की कई क्यारियां भी बेहद खूबसूरत हैं.

ऑक्टोपस और टैंक T-55 भी है खास: इस बार राजभवन के गार्डन के बीच एक खास चीज लोगों को खासा आकर्षित करेगा, वह है "ऑक्टोपस". एक गिर गए पेड़ के तने को राज्यपाल रमेश बैस ने अपने निर्देश पर ऑक्टोपस की कलाकृति बनवाई है. राजभवन में टैंक T-55 भी प्रदर्शित है, जिसके जरिए 1971 की लड़ाई में पाकिस्तानियों के दांत खट्टे कर दिए थे. इस टैंक को भी झारखंड के लोग नजदीक से देख सकेंगे.

गुलाबों के बीच चरखा भी है खास: राजभवन में जब वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गुलाबों के बीच बड़ा सा चरखा लगवाया था, वह चरखा भी खास है. राज्य की जनता इसका दीदार कर सकेगी. इसके अलावा राजभवन में किचन गार्डन, साउंड एंड म्यूजिक फाउंटेन, रंग-बिरंगी मछलियां, काली मिर्च का पौधा, रुद्राक्ष का पौधा और अन्य मेडिसिनल प्लांट का पौधा भी लोग नजदीक से देख और पहचान सकेंगे. राज्यपाल के ओएसडी राकेश कुमार ने कहा कि आम जनता के स्वागत के लिए राजभवन पूरी तरह तैयार है. इंतजार की घड़ियां खत्म होनेवाली है. उन्होंने कहा कि आग्रह सिर्फ इतना है कि वह फूलों की खूबसूरती को देखें, तरोताजा हों लेकिन इसे छुए या तोड़े नहीं.

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रांची: देश के खूबसूरत राजभवनों में झारखंड का राजभवन भी शामिल है. करीब 52 एकड़ क्षेत्र में फैले राजभवन परिसर के रॉयल गार्डन की खूबसूरती भी खास है. पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के समय पहली बार आम जन के लिए राजभवन का गेट खोला गया था. उस समय से शुरू की गई परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, 31 जनवरी से राज्य की जनता के लिए राजभवन का गेट खोल दिया जाएगा.

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31 जनवरी से 7 फरवरी तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा राजभवन: झारखंड राजभवन को इस साल 31 जनवरी से 7 फरवरी तक आम जनता के लिए खोला जाएगा. आम जनता को राजभवन के गेट नंबर 02 से प्रवेश दिया जाएगा. सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक राज्य की जनता राजभवन के गार्डन का दीदार कर सकती है. प्रवेश दोपहर 1 बजे तक होगा. राजभवन में प्रवेश के लिए कोई भी पहचान पत्र पास रखना और कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.

300 वेराइटी के 15000 गुलाब के पौधे और 43 किस्म के हैं सीजनल फ्लावर: इस साल राजभवन के रॉयल गार्डन में देश विदेश के 300 प्रजातियों के 15000 गुलाब के पौधे हैं, जो आकर्षक फूलों से भरा है. लाल, काले, पीले, मैरून, हरे, सफेद और तरह-तरह के गुलाब के फूल बरबस हर किसी को आकर्षित करते हैं. स्वीट विलियम, पेन्जी, सालविया, इंग्लिश डेजी, पिटूनिया, चेरी गोल्ड, डहेलिया, गेंदा जैसे देसी विदेशी सीजनल फूलों की कई क्यारियां भी बेहद खूबसूरत हैं.

ऑक्टोपस और टैंक T-55 भी है खास: इस बार राजभवन के गार्डन के बीच एक खास चीज लोगों को खासा आकर्षित करेगा, वह है "ऑक्टोपस". एक गिर गए पेड़ के तने को राज्यपाल रमेश बैस ने अपने निर्देश पर ऑक्टोपस की कलाकृति बनवाई है. राजभवन में टैंक T-55 भी प्रदर्शित है, जिसके जरिए 1971 की लड़ाई में पाकिस्तानियों के दांत खट्टे कर दिए थे. इस टैंक को भी झारखंड के लोग नजदीक से देख सकेंगे.

गुलाबों के बीच चरखा भी है खास: राजभवन में जब वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गुलाबों के बीच बड़ा सा चरखा लगवाया था, वह चरखा भी खास है. राज्य की जनता इसका दीदार कर सकेगी. इसके अलावा राजभवन में किचन गार्डन, साउंड एंड म्यूजिक फाउंटेन, रंग-बिरंगी मछलियां, काली मिर्च का पौधा, रुद्राक्ष का पौधा और अन्य मेडिसिनल प्लांट का पौधा भी लोग नजदीक से देख और पहचान सकेंगे. राज्यपाल के ओएसडी राकेश कुमार ने कहा कि आम जनता के स्वागत के लिए राजभवन पूरी तरह तैयार है. इंतजार की घड़ियां खत्म होनेवाली है. उन्होंने कहा कि आग्रह सिर्फ इतना है कि वह फूलों की खूबसूरती को देखें, तरोताजा हों लेकिन इसे छुए या तोड़े नहीं.

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