ETV Bharat / state

रांची: किसानों के काला दिवस का झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने किया समर्थन, विधायकों, मंत्रियों ने घरों में लगाए काले झंडे

कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन के 180 दिन पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के काला दिवस का झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समर्थन किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के आह्वान पर बुधवार को रांची सहित पूरे राज्य के कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, विधायकों, मंत्रियों और पदाधिकारियों ने अपने-अपने घरों में काले झंडे लगाए और काला बिल्ला लगाकर कृषि कानून का विरोध किया.

Congress support for farmers' black day
किसानों के काले दिवस का कांग्रेस का समर्थन
author img

By

Published : May 26, 2021, 9:00 PM IST

रांची: कृषि कानूनों के विरोध में पिछले छह महीने से धरने पर बैठे किसान बुधवार को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. किसानों के इस काले दिवस का झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समर्थन किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के आह्वान पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू समेत पूरे राज्य के कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, विधायकों, मंत्रियों और पदाधिकारियों ने काला बिल्ला लगाकर कृषि कानून का विरोध किया और केंद्र सरकार से कानून वापस लिए जाने की मांग की.

काला बिल्ला लगाकर कांग्रेस का किसानों को समर्थन

ये भी पढ़ें- काला दिवस : किसानों ने फूंका सरकार का पुतला, बैरिकेडिंग पर लहराया काला झंडा

घरों पर लगाए गए काले झंडे

नए कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों और मंत्रियों ने अपने-अपने घरों पर काला झंडा लगाकर भी विरोध जताया. इस मौके पर डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के हितों को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने कहा कानून लाने के पहले न तो किसानों से न ही उनके संगठनों से बात की गई. उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए वेयरहाउस बनवाए गए हैं. मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि लोकसभा में बहुमत होने के कारण केंद्र ने जरूर कानून वहां से पास किया है. लेकिन राज्य सभा में विरोध के बावजूद इस काले कानून को पास कराया गया, जिसे देश की जनता और अन्नदाता स्वीकार नहीं करेंगे.

कानून वापस लेने की कांग्रेस की मांग

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी इस कानून का विरोध किया और कहा कि यह काफी सदमे की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद भी केंद्र सरकार ने इस काले कानून को वापस नहीं लिया. मंत्री के मुताबिक अब तक 200 किसानों की शहादत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कानून संसद से पास कराने से पहले राज्यों से कोई सहमति नहीं ली गई. उन्होंने कहा देश के अन्नदाता और कांग्रेस पार्टी इस काले कानून की विरोध करती रहेगी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग की.

किसानों का समर्थन करती रहेगी कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे और डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि कृषि कानून का पूरे राज्य में विरोध किया गया और किसानों को समर्थन दिया गया. उन्होंने कहा जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता कांग्रेस किसानों के साथ संघर्ष करती रहेगी.

रांची: कृषि कानूनों के विरोध में पिछले छह महीने से धरने पर बैठे किसान बुधवार को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. किसानों के इस काले दिवस का झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समर्थन किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के आह्वान पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू समेत पूरे राज्य के कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, विधायकों, मंत्रियों और पदाधिकारियों ने काला बिल्ला लगाकर कृषि कानून का विरोध किया और केंद्र सरकार से कानून वापस लिए जाने की मांग की.

काला बिल्ला लगाकर कांग्रेस का किसानों को समर्थन

ये भी पढ़ें- काला दिवस : किसानों ने फूंका सरकार का पुतला, बैरिकेडिंग पर लहराया काला झंडा

घरों पर लगाए गए काले झंडे

नए कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों और मंत्रियों ने अपने-अपने घरों पर काला झंडा लगाकर भी विरोध जताया. इस मौके पर डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के हितों को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने कहा कानून लाने के पहले न तो किसानों से न ही उनके संगठनों से बात की गई. उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए वेयरहाउस बनवाए गए हैं. मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि लोकसभा में बहुमत होने के कारण केंद्र ने जरूर कानून वहां से पास किया है. लेकिन राज्य सभा में विरोध के बावजूद इस काले कानून को पास कराया गया, जिसे देश की जनता और अन्नदाता स्वीकार नहीं करेंगे.

कानून वापस लेने की कांग्रेस की मांग

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी इस कानून का विरोध किया और कहा कि यह काफी सदमे की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद भी केंद्र सरकार ने इस काले कानून को वापस नहीं लिया. मंत्री के मुताबिक अब तक 200 किसानों की शहादत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कानून संसद से पास कराने से पहले राज्यों से कोई सहमति नहीं ली गई. उन्होंने कहा देश के अन्नदाता और कांग्रेस पार्टी इस काले कानून की विरोध करती रहेगी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग की.

किसानों का समर्थन करती रहेगी कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे और डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि कृषि कानून का पूरे राज्य में विरोध किया गया और किसानों को समर्थन दिया गया. उन्होंने कहा जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता कांग्रेस किसानों के साथ संघर्ष करती रहेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.