रांची: झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर के अपनी ही सरकार के खिलाफ तीखे बोल जारी हैं. मॉब लिंचिंग कानून, खाली पड़े अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा पर शब्दों के तीखे बाण छोड़ने के बाद अब भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने मोर्चा खोला है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार में कई अच्छे काम होने के बावजूद भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है.
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शहजादा अनवर ने कहा कि राज्य में नौकरशाह (ब्यूरोक्रेट्स) सुधरने को तैयार नहीं हैं. राज्य के 90% अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. जनता परेशान और त्राहिमाम कर रही है. कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार में अंचल अधिकारी निरंकुश हो गए हैं. आम गरीब जनता का शोषण हो रहा है. जहां कठोर कार्रवाई की जरूरत थी, वहां भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि रामगढ़ और मांडू के बॉर्डर इलाके में बसा रावता सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार की कहानी का एक अच्छा उदाहरण है. जहां करीब 200 एकड़ में अवैध निर्माण किया गया है. करोड़ों की अवैध फैक्ट्रियां चल रहीं हैं. इस मामले में जांच के बाद 09 अंचल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. कई महीने बीत जाने के बाद भी किसी भी आरोपी अंचल अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जो दुखद है. यह बतलाने के लिए काफी है कि राज्य में भ्रष्टाचार और सरकारी तंत्र के मिलीभगत से किस तरह से जमीन की लूट हो रही है.
सरकार में शामिल रहने के बावजूद अपनी ही सरकार को बार-बार कटघरे में खड़ा करने वाले बयान देने वाले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर को झामुमो ने मीडिया की जगह उचित प्लेटफार्म पर अपनी बात रखने की सलाह दी है. झामुमो के नेता अंतु तिर्की ने कहा कि यदि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष को किसी भी अंचल कार्यालय या कहीं भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती हो तब उन्हें अपनी पार्टी के अंदर या फिर राज्य समन्वय समिति में अपनी बात रखनी चाहिए. ना कि मीडिया में बयानबाजी कर विपक्षी दलों को कुछ कहने का मौका देना चाहिए.
झारखंड कांग्रेस पूरी तरह अपने कार्यकारी अध्यक्ष के साथ खड़ा दिखता है. पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि संगठन की मजबूती से है. कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष को भ्रष्टाचार की शिकायतें कहीं से मिली है तो उस पर अपनी बात करना गलत नहीं है. राकेश सिन्हा ने कहा कि संगठन के लोग ही जनता के बीच जाते है . वहां से उन्हें सरकार द्वारा किए जा रहे काम को लेकर फीडबैक मिलता है. कहा कि जनता सरकार या अधिकारियों के काम से परेशान या विचलित होती है तो निश्चित रूप से उनके कष्ट को दूर करने का प्रयास होना चाहिए. कार्यकारी अध्यक्ष के बयान में कोई अनुशासनहीनता भी नहीं है.