ETV Bharat / state

झारखंड पुलिस करेगी सड़क हादसे में मौतों की जांच, 14 बिंदूओं पर देनी होगी रिपोर्ट - मोटर व्हीकल एक्ट

अब झारखंड पुलिस को सड़क हादसे में हुई मौतों को लेकर एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिव्यूनल (Motor Accident Claim Tribunal) को भेजनी होगी. पुलिस मुख्यालय की ओर से ये आदेश दिया गया है.

Jharkhand police will have to submit investigation report on road accident deaths
रांची: एक महीने में झारखंड पुलिस करेगी सड़क हादसे में मौत की जांच, 14 बिंदूओं पर देनी होगी रिपोर्ट
author img

By

Published : Jul 12, 2021, 10:37 PM IST

रांची: झारखंड हो या देश का कोई भी राज्य सड़क हादसे में सबसे ज्यादा जानें जाती हैं. लेकिन कानून की पेचीदगी और तय समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से सड़क हादसों में मौत के बाद परिजनों को बीमा की राशि नहीं मिल पाती. हादसों में जान गवां देने वालों के परिजनों को तय समय पर बीमा का लाभ मिल सके, इसके लिए अब सड़क हादसे के मामलों में एक महीने के अंदर पूरी जांच रिपोर्ट पुलिस को देनी होगी. इसके लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय (Jharkhand Police Headquarters) के तरफ से आदेश जारी किया गया है.

इसे भी पढ़ें- Accident in Sahibganj: सड़क हादसे में 7 पुलिसकर्मी जख्मी, बोकारो अस्पताल में चल रहा इलाज

सभी जिलों के एसपी को भेजा गया पत्र
पुलिस मुख्यालय के आदेश में लिखा गया है कि सड़क हादसों के मामलों में एक महीने के भीतर 14 बिंदुओं पर जांच कर इसकी रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिव्यूनल (एमएसीटी) (Motor Accident Claim Tribunal) को भेजनी होगी. जारी आदेश को सभी जिलों के एसपी को भेजा गया है. पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) की धारा 150 के तहत फार्म 54 के तहत 14 बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट एमएसीटी (MACT) को भेजी जाती है. एमएसीटी को रिपोर्ट भेजे जाने के बाद ही मृतक के आश्रितों को बीमा की रकम मिल पाती है.

राज्य में पुलिस के अनुसंधान में देरी के कारण लोगों को बीमा की राशि अब तक नहीं मिली. पुलिस मुख्यालय ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सरला देवी बनाम भारत सरकार के फैसले के आलोक में पुलिस आदेश जारी किया है. इस मामले में पुलिस को एक महीने के अंदर जांच का आदेश जारी किया गया था. लेकिन राज्य में इस संबंध में अब तक कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिस आदेश जारी किया गया है. राज्य में सड़क हादसे के बाद महज चार से पांच फीसदी मामलों में ही लोगों को बीमा का लाभ मिल पाता है. पुलिस पेपर ससमय जमा नहीं होने के कारण अधिकांश लोग बीमा का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.

हर मामले में एमएसीटी को भेजा जाएगा रिपोर्ट
झारखंड के सभी जिलों में सड़क हादसे को लेकर एक महीने के अंदर अनुसंधान पूरा करना होगा. इसके बाद फार्म 14 के तहत रिपोर्ट जिसमें सड़क हादसे की वजह, मृतक के संबंध में पूरी जानकारी, शिक्षा, परिजनों के बारे में पूरी जानकारी, मृतक के कार्यक्षेत्र समेत अन्य जानकारी देनी होगी. इसके बाद इसकी रिपोर्ट एमएसीटी को स्वत: संज्ञान लेकर भेजना होगा, ताकि अगर परिजन हादसे के बाद बीमा क्लेम करें तो उन्हें पैसे मिल सकें. आमतौर पर बीमा के लिए क्लेम करने के बाद एमएसीटी की ओर से पुलिस पेपर की मांग की जाती है.


इसे भी पढ़ें- सड़क किनारे सो रहे मजदूर परिवार को डंपर ने कुचला, 3 बच्चों सहित 5 की मौत


जांच नहीं करने पर सजा का प्रावधान
सड़क हादसे में एक महीने के अंदर जांच नहीं करने और एमएसीटी को रिपोर्ट नहीं भेजने पर 6 महीने के कारावास का भी प्रावधान है. तय समय पर कोई पुलिस अधिकारी सड़क हादसों संबंधी रिपोर्ट नहीं भेजता, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है.

रांची: झारखंड हो या देश का कोई भी राज्य सड़क हादसे में सबसे ज्यादा जानें जाती हैं. लेकिन कानून की पेचीदगी और तय समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से सड़क हादसों में मौत के बाद परिजनों को बीमा की राशि नहीं मिल पाती. हादसों में जान गवां देने वालों के परिजनों को तय समय पर बीमा का लाभ मिल सके, इसके लिए अब सड़क हादसे के मामलों में एक महीने के अंदर पूरी जांच रिपोर्ट पुलिस को देनी होगी. इसके लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय (Jharkhand Police Headquarters) के तरफ से आदेश जारी किया गया है.

इसे भी पढ़ें- Accident in Sahibganj: सड़क हादसे में 7 पुलिसकर्मी जख्मी, बोकारो अस्पताल में चल रहा इलाज

सभी जिलों के एसपी को भेजा गया पत्र
पुलिस मुख्यालय के आदेश में लिखा गया है कि सड़क हादसों के मामलों में एक महीने के भीतर 14 बिंदुओं पर जांच कर इसकी रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिव्यूनल (एमएसीटी) (Motor Accident Claim Tribunal) को भेजनी होगी. जारी आदेश को सभी जिलों के एसपी को भेजा गया है. पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) की धारा 150 के तहत फार्म 54 के तहत 14 बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट एमएसीटी (MACT) को भेजी जाती है. एमएसीटी को रिपोर्ट भेजे जाने के बाद ही मृतक के आश्रितों को बीमा की रकम मिल पाती है.

राज्य में पुलिस के अनुसंधान में देरी के कारण लोगों को बीमा की राशि अब तक नहीं मिली. पुलिस मुख्यालय ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सरला देवी बनाम भारत सरकार के फैसले के आलोक में पुलिस आदेश जारी किया है. इस मामले में पुलिस को एक महीने के अंदर जांच का आदेश जारी किया गया था. लेकिन राज्य में इस संबंध में अब तक कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिस आदेश जारी किया गया है. राज्य में सड़क हादसे के बाद महज चार से पांच फीसदी मामलों में ही लोगों को बीमा का लाभ मिल पाता है. पुलिस पेपर ससमय जमा नहीं होने के कारण अधिकांश लोग बीमा का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.

हर मामले में एमएसीटी को भेजा जाएगा रिपोर्ट
झारखंड के सभी जिलों में सड़क हादसे को लेकर एक महीने के अंदर अनुसंधान पूरा करना होगा. इसके बाद फार्म 14 के तहत रिपोर्ट जिसमें सड़क हादसे की वजह, मृतक के संबंध में पूरी जानकारी, शिक्षा, परिजनों के बारे में पूरी जानकारी, मृतक के कार्यक्षेत्र समेत अन्य जानकारी देनी होगी. इसके बाद इसकी रिपोर्ट एमएसीटी को स्वत: संज्ञान लेकर भेजना होगा, ताकि अगर परिजन हादसे के बाद बीमा क्लेम करें तो उन्हें पैसे मिल सकें. आमतौर पर बीमा के लिए क्लेम करने के बाद एमएसीटी की ओर से पुलिस पेपर की मांग की जाती है.


इसे भी पढ़ें- सड़क किनारे सो रहे मजदूर परिवार को डंपर ने कुचला, 3 बच्चों सहित 5 की मौत


जांच नहीं करने पर सजा का प्रावधान
सड़क हादसे में एक महीने के अंदर जांच नहीं करने और एमएसीटी को रिपोर्ट नहीं भेजने पर 6 महीने के कारावास का भी प्रावधान है. तय समय पर कोई पुलिस अधिकारी सड़क हादसों संबंधी रिपोर्ट नहीं भेजता, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.