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झारखंड में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक माओवादी मनाएंगे शहीद सप्ताह, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया अलर्ट - Ranchi News

झारखंड में भाकपा माओवादी 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाएंगे. इस दौरान नक्सली किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं, जिसे लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट जारी किया है.

Alert regarding Maoist Martyrs Week
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Published : Jul 27, 2022, 8:30 PM IST

रांची: नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने का एलान किया है. झारखंड में अपनी खोई ताकत को वापस पाने के लिए माओवादी शहीद सप्ताह के दौरान हिंसक वारदातों को अंजाम दे सकते हैं. यही वजह है कि पुलिस मुख्यालय के द्वारा पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस और केंद्रीय बलों को विशेष चौकसी बरतने को कहा गया है.

इसे भी पढ़ें: खूंटी के तिरला में एक शख्स के घर पर एनआइए की छापेमारी, नक्सली गतिविधि में शामिल होने का शक


राज्य में विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत: 28 जुलाई से शुरू होने वाले शहीद सप्ताह को लेकर झारखंड पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से चल रहे अभियान को और तेज कर दिया गया है. पुलिस मुख्यालय की तरफ से पत्र जारी कर सभी जिले के एसपी को नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है. नक्सलियों के लिए रेलवे हमेशा से सॉफ्ट टारगेट रहा है, यही वजह है कि पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद हो कर हर रेलवे स्टेशन पर आने जाने वालों पर पैनी निगाह रखे हुए है. नक्सल प्रभावित रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं. नक्सल प्रभावित जिलों में पड़ने वाले एनएच और रेलवे ट्रैक की भी निगरानी केंद्रीय बलों के द्वारा की जा रही है.

मारे गए साथियों की याद में मनाते हैं शहीद सप्ताह: भाकपा माओवादी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों की याद में हर साल शहीद सप्ताह मनाते हैं. जानकारी के मुताबिक, बीते एक साल में देशभर में 170 माओवादियों की मौत पुलिस मुठभेड़ या अन्य वजहों से हुई है. माओवादियों के द्वारा ही जारी आंकड़ों की मानें तो झारखंड-बिहार में 17 कैडर मारे गए हैं, जबकि सबसे अधिक मौते दंडकारण्य में हुई है. यहां 90 नक्सली कैडर मारे गए हैं. इसके अलावा ओडिशा में 14, महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में आठ, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सीमा क्षेत्र में 11, पश्चिमी घाटी में एक और तेलंगाना में 14 कामरेड मारे गए हैं. मारे गए 170 में 30 महिला नक्सली थीं.

आईजी अभियान ने दी ये जानकारी: झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि नक्सलियों के शहीद सप्ताह को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. सभी नक्सल प्रभावित जिलों में माओवादियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. केंद्रीय बलों और झारखंड पुलिस के जवानों को बिना ट्रैप में फंसे अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया है.

रांची: नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने का एलान किया है. झारखंड में अपनी खोई ताकत को वापस पाने के लिए माओवादी शहीद सप्ताह के दौरान हिंसक वारदातों को अंजाम दे सकते हैं. यही वजह है कि पुलिस मुख्यालय के द्वारा पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस और केंद्रीय बलों को विशेष चौकसी बरतने को कहा गया है.

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राज्य में विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत: 28 जुलाई से शुरू होने वाले शहीद सप्ताह को लेकर झारखंड पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से चल रहे अभियान को और तेज कर दिया गया है. पुलिस मुख्यालय की तरफ से पत्र जारी कर सभी जिले के एसपी को नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है. नक्सलियों के लिए रेलवे हमेशा से सॉफ्ट टारगेट रहा है, यही वजह है कि पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद हो कर हर रेलवे स्टेशन पर आने जाने वालों पर पैनी निगाह रखे हुए है. नक्सल प्रभावित रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं. नक्सल प्रभावित जिलों में पड़ने वाले एनएच और रेलवे ट्रैक की भी निगरानी केंद्रीय बलों के द्वारा की जा रही है.

मारे गए साथियों की याद में मनाते हैं शहीद सप्ताह: भाकपा माओवादी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों की याद में हर साल शहीद सप्ताह मनाते हैं. जानकारी के मुताबिक, बीते एक साल में देशभर में 170 माओवादियों की मौत पुलिस मुठभेड़ या अन्य वजहों से हुई है. माओवादियों के द्वारा ही जारी आंकड़ों की मानें तो झारखंड-बिहार में 17 कैडर मारे गए हैं, जबकि सबसे अधिक मौते दंडकारण्य में हुई है. यहां 90 नक्सली कैडर मारे गए हैं. इसके अलावा ओडिशा में 14, महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में आठ, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सीमा क्षेत्र में 11, पश्चिमी घाटी में एक और तेलंगाना में 14 कामरेड मारे गए हैं. मारे गए 170 में 30 महिला नक्सली थीं.

आईजी अभियान ने दी ये जानकारी: झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि नक्सलियों के शहीद सप्ताह को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. सभी नक्सल प्रभावित जिलों में माओवादियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. केंद्रीय बलों और झारखंड पुलिस के जवानों को बिना ट्रैप में फंसे अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया है.

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