रांचीः झारखंड के मंत्री जगरनाथ महतो सोमवार शाम को करीब आठ माह बाद चार्टर्ड प्लेन से रांची पहुंच गए. जगरनाथ महतो को डॉक्टरों की निगरानी में रांची लाया गया. रांची एयरपोर्ट पर सीएम हेमंत सोरेन ने हाथ जोड़कर उनका स्वागत किया. इसके अलावा कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कांग्रेस विधायक जय मंगल सिंह (अनूप सिंह), जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू भी महतो की आगवानी करने पहुंचे. इसके बाद महतो रांची एयरपोर्ट से सीधे डोरंडा स्थित अपने आवास के लिए रवाना हो गए. इस दौरान उन्होंने हाथ हिलाकर पत्रकारों और लोगों का अभिवादन किया.
भाजपा ने शिक्षा मंत्री के आगमन पर जताई खुशी
विपक्षी दल भाजपा समेत दूसरे राजनीतिक दलों ने भी मंत्री जगरनाथ महतो के कोरोना को हराकर फिर रांची लौटने पर खुशी जताई है. भाजपा नेताओं और अन्य दलों ने महतो के कोरोना पर विजय प्राप्त करने के लिए बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. साथ ही चेन्नई से सेहतमंद होकर लौटने पर स्वागत किया.
एमजीएम अस्पताल के चिकित्सकों को दिया धन्यवाद
इससे पहले कोरोना संक्रमण के बाद चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इलाज करा रहे मंत्री जगरनाथ महतो ने इससे पहले अपने चिकित्सकों से मुलाकात की. इस दौरान शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने चेन्नई के MGM hospital के चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को धन्यवाद दिया. अपने विधानसभा क्षेत्र में टाइगर (TIGER)के नाम से मशहूर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि MGM hospital के चिकित्सकों ने जिस तरह से उनका इलाज किया और स्टाफ ने जिस तरह से उनकी देखभाल की उसके लिए इन्हें धन्यवाद देता हूं.
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मंत्री ने की अस्पताल की तारीफ
मंत्री जगरनाथ महतो ने यह भी कहा कि अस्पताल में इलाज और सुविधाएं झारखंड में सुपरहिट हुई हैं. नतीजतन झारखंड के दूसरे लोग भी यहां इलाज के लिए आने लगे हैं. अस्पताल में उनके साथ व्यवहार ने दिल जीत लिया.
एयर एंबुलेंस से ले जाया गया था चेन्नई
पिछले साल 28 सितंबर 2020 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद उनको रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था. फेफड़ों में संक्रमण की वजह से तीन दिन बाद उन्हें मेडिका (medica) में भर्ती कराया गया. इस बीच उनकी कोरोना जांच की गई जो पॉजिटिव आई. करीब एक महीने तक रांची में उनका इलाज चला. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर 19 अक्टूबर को उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिये रांची से चेन्नई लाया गया. चेन्नई में उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. 28 अक्टूबर को अस्पताल की तरफ से एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया था जिसमें उनके फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिखा, तब डॉक्टर्स ने लंग्स ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया. 10 नवंबर को जगरनाथ महतो का लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया. 11 जनवरी को उन्हें आईसीयू से जनरल वॉर्ड में शिफ्ट किया गया था. अभी उनका लंग्स 100 प्रतिशत काम कर रहा है. करीब 8 महीने के बाद वो चेन्नई से कोरोना को हराकर झारखंड लौट रहे हैं. इस खबर से झारखंड के उनके चाहने वालों और समर्थकों में खुशी है.
मंत्री जगरनाथ महतो का परिचय
जगरनाथ महतो ने मैट्रिक तक शिक्षा हासिल की है. उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1990 में की. उन्होंने तत्कालीन विधायक शिवा महतो के सहयोगी के रूप में राजनीति शुरू की. उन्होंने पहली बार 2000 में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. इसके बाद 2005 में जेएमएम में इन्हें डुमरी से अपना प्रत्याशी बनाया. उसके बाद से लगातार चौथी बार डुमरी से विधायक बने.
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दसवीं पास मंत्री कहे जाने पर लिया था 11 वीं में दाखिला
बीते वर्ष विपक्ष के दसवीं पास शिक्षा मंत्री कहने पर 11 वीं में दाखिला लेने पर जगरनाथ महतो ने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं. जगरनाथ महतो ने नावाडीह के देवी महतो स्मारक इंटर महाविद्यालय आर्ट्स में 11वीं में अपना नामांकन कराया था. इसकी देश भर में खूब चर्चा हुई थी.
समर्थकों में खुशी का माहौल
इधर, मंत्री की वापसी से गिरिडीह में उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है. डुमरी के चंदनाडीह निवासी अजीत सिंह ने कहा कि मंत्रीजी दोगुनी ऊर्जा के साथ वापस आ रहे हैं, अब बढ़-चढ़कर क्षेत्र में काम होगा, जनता को उनसे बहुत सारी उम्मीदें हैं. वहीं जामताड़ा निवासी राज कुमार मेहता ने कहा कि उनके बिना क्षेत्र सुनसान सा लग रहा था, उनके आने के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर है. पारा शिक्षक के मामले में जो मंत्रीजी ने आश्वासन दिया था, वो उसे भी पूरा करेंगे. झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष मिथिलेश महतो ने कहा कि मंत्री के लौटने की खुशी पूरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों में है. उनके आने के बाद मंत्री जी से मांग रहेगी कि डुमरी को जिला बनाया जाए.
मंत्री से जुड़ी वे बातें जो बनीं सुर्खियां
- बीते वर्ष बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जब बिहार में सिर्फ बिहारी शिक्षकों की बहाली की बात कही तो झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने झारखंड में सिर्फ झारखंडी शिक्षक होने का बयान दिया.
- साल 2020 में ही शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नातिन को एक निजी स्कूल ने फीस न जमा होने पर ऑनलाइन क्लास से निकाल दिया था. शिक्षा मंत्री ने फीस जमा करने का आश्वासन दिया पर स्कूल वाले नहीं माने. इस पर महतो खुद चास के डीपीएस स्कूल पहुंचे और अपनी नतिनी की फीस जमा की.
- झारखंड हाई कोर्ट द्वारा शिक्षक नियुक्ति को रद्द करने के बाद जब विपक्ष ने नियोजन नीति पर सरकार को घेरा तब शिक्षा मंत्री ने कहा- कि पूर्ववर्ती सरकार के पापों को धो रही है वर्तमान सरकार.