रांची: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह का भाजपा में शामिल होना एक बड़ी राजनीतिक घटना मानी जा रही है. कांग्रेस के अंदर एक बड़ी छवि माने जानेवाले आरपीएन सिंह का कांग्रेस छोड़ने का साइड इफेक्ट झारखंड में भी पड़ने की संभावना जताई जा रही है.
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आरपीएन सिंह के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद जहां कांग्रेस के कई नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है. वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने कुछ कांग्रेसी नेताओं ने अरपीएन सिंह के पार्टी छोड़ने पर खुशी भी जाहिर की है. आरपीएन सिंह के विरोध गुट के नेताओं ने कांग्रेस भवन के सामने पटाखा फोड़ा और आरपीएन के जाने पर खुशी जताई है. इधर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने मिठाईयां बांटकर खुशियां मनाई है. उन्होंने कहा है कि आरपीएन सिंह के जाने से सच्चे कांग्रेसी खुश हैं. उन्होंने झारखंड कांग्रेस को बर्बाद कर दिया. कांग्रेस में रहकर आरएसएस के एजेंट की तरह उन्होंने पर काम किया है.
आरपीएन के भाजपा में शामिल होने की खबर झारखंड पहुंची यहां के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से लेकर सभी बड़े नेता चुप्पी लगा बैठे हैं. राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिलाने में आरपीएन सिंह की बड़ी भूमिका रही थी. लेकिन कुछ देर बाद ट्वीट के माध्यम से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया. कांग्रेस की विधायक दीपिका सिंह पांडे ने ट्वीट कर लिखा है कि 'जो ये सवाल पूछ रहें कि RPN सिंह के जाने से झारखंड सरकार पर असर पड़ेगा वो ये जान लें की वो सिर्फ़ प्रभारी थे. चुनाव उनके नाम पर नहीं जीत कर आए हैं. जमीन पर चुनाव पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लड़ा था और राहुल गांधी के के नाम पर लड़ा था. हम आज भी राहुल गांधी जी के सिपाही हैं, आगे भी रहेंगे.'
वहीं कांग्रेस की एक और विधायक अंबा प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा है कि 'पिछल एक साल से ज्यादा से बीजेपी के साथ सांठ-गांठ कर आरपीएन सिंह जी झारखंड की कांग्रेस-जेएमएम सरकार को अपदस्थ कराने की कोशिश कर रहे थे. पार्टी नेतृत्व को लगातार इस बारे में आगाह भी किया गया था. इनके बीजेपी में जाने से झारखंड का हर सच्चा कांग्रेसी खुश है.'
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने की मानें तो आरपीएन सिंह के जाने से कांग्रेस के अंदर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड कांग्रेस के सभी नेता और विधायक एकजुट हैं और जल्द ही कांग्रेस आलाकमान नये प्रभारी की घोषणा करेगी. इधर आरपीएन विरोधी कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय के समक्ष आतिशबाजी कर आरपीएन सिंह के पार्टी छोड़ने पर खुशी जताते देखे गये.
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बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया: झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह का भाजपा में शामिल होने पर बीजेपी नेताओं ने स्वागत किया है. प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड प्रदेश भाजपा की ओर से उन्हें बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व और कार्यकुशलता से प्रभावित होकर लोग लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा जी के नेतृत्व के प्रति जो आस्था व सम्मान व्यक्त उन्होंने व्यक्त किया है इसके लिए आरपीएन सिंह को बधाई. उन्होंने कहा कि जनता द्वारा तय किया गया कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को आरपीएन सिंह साकार कर रहे हैं और इसी के तहत उनका भाजपा में आना खुशी की बात है. वहीं नेता विधायक दल बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के कांग्रेस प्रभारी और पूर्व गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने पर बधाई देते हुए कहा कि आरपीएन सिंह को मैं व्यक्तिगत रुप से जानता हूं. एक अच्छे मृदुभाषी व्यक्तित्व के वे धनी व्यक्ति हैं. आरपीएन सिंह का उत्तर प्रदेश ही नहीं झारखंड से भी विशेष लगाव रहा है. उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड व देश स्तर पर भाजपा को इनके आने से लाभ मिलेगा.
आरपीएन सिंह से भाजपा मजबूत होगी: आरपीएन सिंह द्वारा कांग्रेस को बाय-बाय कर BJP का दामन थामने का स्वागत पूर्व स्पीकर और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने किया है. आरपीएन सिंह की छवि की सराहना करते हुए, सीपी सिंह ने कहा कि उनके आने से उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को मजबूती मिलेगी. कांग्रेस में इतने दिनों तक कैसे आरपीएन सिंह जैसा व्यक्ति रहा यह शोध का विषय है. कांग्रेस में बंटी बबली ही रह जायेंगे और सभी निकल जायेंगे. सी पी सिंह ने झारखंड में इसका साइड इफेक्ट नहीं पड़ने की बात कहते हुए कहा कि जो भी विधायक नाराज हैं वे जबतक सत्ता सुख ले रहे हैं तब तक कोई फैसला नहीं लेंगे.
आरपीएन सिंह ने फैसला गलत लिया: इधर झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने विज्ञप्ति जारी कर आरपीएन सिंह के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी जी के नेतृत्व में सच्चाई की लड़ाई लड़ रही है. वह सिर्फ बहादूरी से ही लड़ी जा सकती है. इसके लिए हिम्मत और ताकत चाहिए. उनका पार्टी छोड़ने का फैसला स्वार्थ से भरा अव्यवहारिक और गलत निर्णय है. कांग्रेस पार्टी किसी व्यक्ति विशेष की वजह से नहीं अपनी विचारधारा से एवं हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं की वजह से चलती है. हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, उनके जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस ने जो सम्मान उनको दिया, वह सम्मान भाजपा में नहीं मिल पायेगा.