रांची: इस बात की चर्चा जोर-शोर से है कि झारखंड की सबसे बड़ी कपड़ा फैक्ट्री ओरियंट क्राफ्ट में उत्पादन बंद हो गया है. इसकी वजह से खेलगांव और इरबा स्थित फैक्ट्री की दोनों यूनिट में कार्यरत करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं.
चर्चा इस बात की भी है कि नामकुम में रिंग रोड स्थित अरविंद मिल ने भी कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती कर दी है. खास बात है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की पहल पर झारखंड में ओरिएंट क्राफ्ट और अरविंद मिल नाम के टेक्सटाइल कंपनियां खुली थीं. ओरियंट क्राफ्ट की दो यूनिट के बंद होने के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने उद्योग विभाग के सूत्रों से बात की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ओरिएंट क्राफ्ट में बने कपड़ों का निर्यात अमेरिका के अलावा कई यूरोपियन देशों में होता था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से कंपनी को ऑर्डर मिलना बंद हो गया है. लिहाजा, कर्मचारियों को ऑर्डर मिलने तक काम पर नहीं आने को कहा गया है.
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अहम बात है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग सेक्टर में अपना रोजगार गंवा चुके हैं. झारखंड में बड़ी संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना सरकार के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इसके मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को मनरेगा की योजनाओं से जोड़ा जा रहा है और शहरी क्षेत्र के मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना पर काम चल रहा है, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि हेमंत सरकार सिर्फ दिखावे का काम कर रही है.
सरकार की अदूरदर्शिता के कारण पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के दौर में स्थापित की गई टेक्सटाइल कंपनियों में कार्यरत यहां के लोगों की नौकरी जा रही हैं. बता दें कि जब मार्च के महीने में कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था उस वक्त मास्क और पीपीई किट को लेकर काफी हाय तौबा मची थी. उस वक्त ओरियंट क्राफ्ट और अरविंद मिल ने झारखंड को बड़ी संख्या में मास्क और पीपीई किट मुहैया कराया था. ईटीवी भारत की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि ओरिएंट क्राफ्ट की यूनिट ऑर्डर मिलने तक सस्पेंड की गई है, यानी यह मिल बंद नहीं हुई है.