रांची: निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव के बाद झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में सबसे रसूखदार रहे सीनियर आईएएस राजीव अरुण एक्का से 27 मार्च को ईडी के अफसरों ने 10 घंटे 20 मिनट तक पूछताछ की. राजीव अरुण एक्का तय समय पर ठीक 11:00 बजे ईडी के जोनल ऑफिस में पहुंच चुके थे.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी के अफसरों ने पावर ब्रोकर विशाल चौधरी से उनके संबंधों को लेकर पूछताछ की. उन्हें विशाल चौधरी के घर से बरामद डिजिटल एविडेंस भी दिखाया गया. यही नहीं ईडी के अफसरों ने उस वीडियो के बारे में भी पूछताछ की, जिसे पिछले दिनों भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने जारी करते हुए दावा किया था कि राजीव अरुण एक्का गृह विभाग से जुड़े फाइल को विशाल चौधरी के दफ्तर में बैठकर निपटा रहे थे. ईडी की टीम ने उनसे पूछा कि यह वीडियो कब का है और वह किस तरह के कागजात पर साइन कर रहे थे.
ईडी की रडार पर क्यों आए एक्का: दरअसल पिछले साल मई माह में मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूजा सिंघल और उनके करीबियों के यहां छापेमारी के कुछ दिन बाद 24 मई को ईडी की टीम ने उस वक्त सीएम सह गृह विभाग के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का के रिश्तेदार निशिथ केसरी और पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान विशाल चौधरी के यहां से कुछ डिजिटल एविडेंस और डायरी हाथ लगे थे. सूत्रों के मुताबिक उस डायरी में इस बात का जिक्र था कि राजीव अरुण एक्का के मुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रधान सचिव के पद पर रहते हुए विशाल चौधरी ने उनके जरिए ट्रांसफर पोस्टिंग करा कर भारी उगाही की थी.
यह बात भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा जारी वीडियो से साबित हो गई कि वह विशाल चौधरी के कितने करीबी थे. इस वीडियो के आते ही सरकार ने उन्हें तमाम अहम पदों से हटा कर पंचायती राज विभाग में भेज दिया था. इस वीडियो के पब्लिक डोमेन में आते ही ईडी ने राजीव अरुण एक्का को समन कर 15 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन उन्होंने बजट सत्र का हवाला देते हुए 24 मार्च तक का समय मांगा था. इसके बाद ईडी ने उन्हें 27 मार्च को आने को कहा था.