रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय में दाखिल की गई कई जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को फैसले आए. कोरोना के कारण जो लोग बेरोजगार हैं और उनको भरण-पोषण में दिक्क हो रही है. ऐसे लोगों के लिए अनाज की मांग को लेकर दायर की गई याचिका की कड़ी ने उच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर को सरकारी सुविधाएं देने और एक अन्य याचिका पर कोविड संक्रमण के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग बढ़ाने का निर्देश दिया. वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में व्याप्त अनियमितताओं को दूर करने के भी निर्देश दिए.
राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हाई कोर्ट में आधा दर्जन से अधिक जनहित याचिका दायर की गईं थीं. इनमें राज्य सरकार को इससे निपटने के लिए तैयारी करने आदि की मांग की गई है. इस कड़ी में हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने जनहित याचिका दायर कर डॉक्टर, मेडिकल उपकरण और दवाई की उचित व्यवस्था कराने की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को हालात संभालने के लिए पर्याप्त डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ, बेड की व्यवस्था करने की सलाह दी है. वहीं डॉक्टरों के लिए जांच किट और जरूरी मशीन की व्यवस्था करने की सलाह दी है.
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गरीबों को राशन मुहैया कराने के आदेश
कोरोना के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है. इसकी सबसे बड़ी मार गरीबों पर पड़ी है. इसको लेकर उच्च न्यायालय में ऐसे लोगों को सरकार की ओर से राशन उपलब्ध कराने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को गरीबों को चिन्हित कर अनाज देने का निर्देश दिया है. वहीं ऐसे ट्रांसजेंडर जो अभी कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें सरकारी सुविधा दिलाने का निर्देश दिया है.
प्लाज्मा थेरेपी से इलाज बढ़ाने के निर्देश
कोरोना के संक्रमित मरीजों का इलाज प्लाजमा थेरेपी से हो इसको लेकर भी जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है. इस पर पूर्व में ही हाईकोर्ट ने प्लाज्मा के लिए मशीन उपलब्ध कराने और प्लाजमा थेरेपी के जरिये इलाज को बढ़ाने के लिए निर्देश दिया था.
कोविड अस्पताल पर भी सुनवाई हुई
इसी तरह राज्य के विभिन्न जिलों में बनाए गए कोविड अस्पताल और क्वॉरेंटाइन सेंटर में जो अनियमितताएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए भी जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर भी झारखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार को अव्यवस्थाओं को दूर करने का निर्देश दिया.