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धनबाद जेल में गैंगवार मामला, झारखंड हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, जेल आईजी तलब, 5 दिसंबर को होगी सुनवाई - रांची न्यूज

High Court took cognizance of Aman Singh murder case. धनबाद जेल में हिस्ट्रीशीटर अमन सिंह की हत्या पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जेल में हथियार कैसे पहुंचे?

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 4, 2023, 5:21 PM IST

रांची: धनबाद जेल में 3 दिसंबर को दिनदहाड़े अमन सिंह नामक कुख्यात अपराधी की हत्या से सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा है कि चुस्त व्यवस्था होने के बावजूद जेल में आर्म्स कैसे पहुंच गया. सरकार को बताना है कि प्रशासन से कहां चूक हुई है. हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि कोर्ट ने जेल आईजी को वर्चुअल मोड पर उपस्थित रहने का आदेश दिया है. इस मामले को लेकर 5 दिसंबर को सुनवाई होगी.

खास बात है कि राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है जब जेल के भीतर किसी अपराधी की गोली मारकर हत्या हुई है. इससे पहले जेल के भीतर कैदियों के बीच झड़प की कई घटनाएं सामने आती रही हैं. साथ ही कोर्ट कैंपस में भी कई हत्याएं हो चुकी हैं. पूर्व की घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट पहले भी नाराजगी जता चुका है. हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर जिलों के सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की आए दिन समीक्षा होती रहती है. लेकिन जेल के भीतर इतनी सुरक्षा होने के बावजूद जिस तरीके से शूटर अमन सिंह की हत्या हुई है, उससे पूरा पुलिस महकमा सवालों के घेरे में है. धनबाद में हुए फायरिंग कांड के बाद कई जेलों में औचक निरीक्षण किया गया है.

आपको बता दें कि शूटर अमन सिंह मूल रुप से उत्तर प्रदेश के अंबेदकर नगर जिले का निवासी था. उसकी हत्या के बाद पुलिस ने बताया था कि अपराधी की पहचान हो गई है. उसे अलग सेल में डाल दिया गया है. इस बीच आशीष रंजन उर्फ छोटू नामक शख्स का एक ऑडियो वायरल हुआ है. उसका दावा है कि उसने जेल में अपने एक साथी की मदद से हत्याकांड को अंजाम दिलाया है. इस हत्याकांड के बाद डीजीपी ने सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. दूसरी ओर जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने जेल एआईजी हामिद अख्तर के नेतृत्व में एक टीम को धनबाद भेजा है. इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि जेल के भीतर आर्म्स कैसे पहुंचा.

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खास बात है कि राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है जब जेल के भीतर किसी अपराधी की गोली मारकर हत्या हुई है. इससे पहले जेल के भीतर कैदियों के बीच झड़प की कई घटनाएं सामने आती रही हैं. साथ ही कोर्ट कैंपस में भी कई हत्याएं हो चुकी हैं. पूर्व की घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट पहले भी नाराजगी जता चुका है. हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर जिलों के सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की आए दिन समीक्षा होती रहती है. लेकिन जेल के भीतर इतनी सुरक्षा होने के बावजूद जिस तरीके से शूटर अमन सिंह की हत्या हुई है, उससे पूरा पुलिस महकमा सवालों के घेरे में है. धनबाद में हुए फायरिंग कांड के बाद कई जेलों में औचक निरीक्षण किया गया है.

आपको बता दें कि शूटर अमन सिंह मूल रुप से उत्तर प्रदेश के अंबेदकर नगर जिले का निवासी था. उसकी हत्या के बाद पुलिस ने बताया था कि अपराधी की पहचान हो गई है. उसे अलग सेल में डाल दिया गया है. इस बीच आशीष रंजन उर्फ छोटू नामक शख्स का एक ऑडियो वायरल हुआ है. उसका दावा है कि उसने जेल में अपने एक साथी की मदद से हत्याकांड को अंजाम दिलाया है. इस हत्याकांड के बाद डीजीपी ने सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. दूसरी ओर जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने जेल एआईजी हामिद अख्तर के नेतृत्व में एक टीम को धनबाद भेजा है. इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि जेल के भीतर आर्म्स कैसे पहुंचा.

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