रांची: सिविल कोर्ट के सुरक्षा मामले पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए झारखंड के मुख्य सचिव, गृह सचिव, भवन सचिव और आईटी सचिव को तलब किया है. अदालत ने पूछा है कि पूर्व में दिए गए आदेश के आलोक में अभी तक कितने काम पूरे हुए. सुरक्षा के कार्य पूरी तरह से क्यों नहीं पूर्ण किया गया. 5 फरवरी को सुनवाई के दौरान उपस्थित होकर मुख्य सचिव को जवाब पेश करने को कहा है.
झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य के सिविल कोर्ट की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि जाहिर करते हुए मुख्य सचिव सहित अन्य सचिव को अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने सरकार से पूछा कि पूर्व में दिए गए आदेश को अभी तक क्यों नहीं पूर्ण किया गया. इस पर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. पूर्व में अदालत ने गृह सचिव को राज्य के सभी सिविल कोर्ट में चारदीवारी को ऊंची करने, सीसीटीवी कैमरा लगाने, जिससे कि बाहर परिसर में आने जाने वाले की मॉनिटरिंग अच्छे तरीके से किया जाए, साथ ही उन्होंने कहा कि कैमरा इस तरह का हो जिसमें वीडियो और ऑडियो दोनों अच्छा हो, साथ ही अन्य सुविधा की व्यवस्था करने को कहा था. उन्होंने यह भी कहा था कि अत्याधुनिक तरीके से अदालत परिसर का सुरक्षा चाक-चौबंद हो, लेकिन लगभग एक वर्ष होने को है आदेश का अनुपालन नहीं हुआ.इसे भी पढे़ं:
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हजारीबाग और जमशेदपुर सिविल कोर्ट में हुई थी हत्या
हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में हत्या और जमशेदपुर में सिविल कोर्ट में हत्या के बाद झारखंड हाईकोर्ट में राज्य के सिविल कोर्ट की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है. उसी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं होने के बाद मुख्य सचिव सहित अन्य तीन सचिव को अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी.