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पेंशन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, चेतावनी देते हुए कहा- पांच दिनों में करें भुगतान - Ranchi news today

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में मंगलवार को सेवानिवृत्ति और पेंशन लाभ मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सख्त मौखिक टिप्पणी करते हुए सरकार और विश्वविद्यालय से कहा कि 5 दिनों में 5-5 लाख का पहले भुगतान करें. अगर निर्धारित समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो अदालत का अवमानना मानते हुए अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.

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पेंशन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी
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Published : Jul 20, 2021, 8:34 PM IST

रांचीः सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन लाभ को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से कहा कि पांच दिनों में पेंशन के 5-5 लाख रुपये भुगतान करना सुनिश्चित करें, अन्यथा अदालती कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

यह भी पढ़ेंःदिव्यांग को पेंशन नहीं मिलने के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, डीसी को जांच कर पेंशन भुगतान का आदेश

अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारियों की ढुलमुल रवैया के कारण पेंशनधारियों को रोज-रोज के खर्चे के लिए दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता है. एक तरह से भिखारी तक की जीवन-जीने को मजबूर होना पड़ता है. अदालत ने सरकार और विश्वविद्यालय को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी तरह की कोई अनदेखी नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का फंड का रोना और सरकार का विश्वविद्यालय पर फेका-फेकी करने का जो रवैया है, यह नहीं चलेगा.

जानकारी देते अधिवक्ता

पांच वर्षों से पेंशन के लिए दौड़ाया जा रहा

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता आपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से पेंशन के लिए दौड़ाया जा रहा है. अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सेवानिवृत्त कर्मियों को ना ही सेवानिवृत्ति लाभ दिया गया और ना ही पेंशन दिया जा रहा है. उन्होंने अदालत से शीघ्र पेंशन और सेवानिवृत्ति भुगतान करने की मांग की.

छह सप्ताह बाद अगली सुनवाई

सरकार के अधिवक्ता ने पेंशन भुगतान को लेकर समय की मांग की है. अदालत ने समय देने से इनकार करते हुए कहा कि सिर्फ 5 दिनों में 5-5 लाख का पहले भुगतान करें. अगर निर्धारित समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो अदालत का अवमानना मानते हुए अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी.

मांडर कॉलेज के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का मामला

बता दें कि मांडर कॉलेज के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की विधवा कालू देवी और जितेश्वरी देवी झारखंड हाई कोर्ट में पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ की मांग को लेकर याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 में कालू देवी के पति का निधन हो गया, तब से उसे सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, जितेश्वरी देवी के पति वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हो गए. इसके बाद 2019 तक पेंशन मिला, लेकिन पति के निधन के बाद पेंशन बंद हो गया.

रांचीः सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन लाभ को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से कहा कि पांच दिनों में पेंशन के 5-5 लाख रुपये भुगतान करना सुनिश्चित करें, अन्यथा अदालती कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

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अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारियों की ढुलमुल रवैया के कारण पेंशनधारियों को रोज-रोज के खर्चे के लिए दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता है. एक तरह से भिखारी तक की जीवन-जीने को मजबूर होना पड़ता है. अदालत ने सरकार और विश्वविद्यालय को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी तरह की कोई अनदेखी नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का फंड का रोना और सरकार का विश्वविद्यालय पर फेका-फेकी करने का जो रवैया है, यह नहीं चलेगा.

जानकारी देते अधिवक्ता

पांच वर्षों से पेंशन के लिए दौड़ाया जा रहा

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता आपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से पेंशन के लिए दौड़ाया जा रहा है. अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सेवानिवृत्त कर्मियों को ना ही सेवानिवृत्ति लाभ दिया गया और ना ही पेंशन दिया जा रहा है. उन्होंने अदालत से शीघ्र पेंशन और सेवानिवृत्ति भुगतान करने की मांग की.

छह सप्ताह बाद अगली सुनवाई

सरकार के अधिवक्ता ने पेंशन भुगतान को लेकर समय की मांग की है. अदालत ने समय देने से इनकार करते हुए कहा कि सिर्फ 5 दिनों में 5-5 लाख का पहले भुगतान करें. अगर निर्धारित समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो अदालत का अवमानना मानते हुए अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी.

मांडर कॉलेज के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का मामला

बता दें कि मांडर कॉलेज के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की विधवा कालू देवी और जितेश्वरी देवी झारखंड हाई कोर्ट में पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ की मांग को लेकर याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 में कालू देवी के पति का निधन हो गया, तब से उसे सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, जितेश्वरी देवी के पति वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हो गए. इसके बाद 2019 तक पेंशन मिला, लेकिन पति के निधन के बाद पेंशन बंद हो गया.

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