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पुलिस प्रमोशन मामलाः हाई कोर्ट में हाजिर हुए डीजीपी, अदालत ने मांगा लिखित जवाब

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Published : May 13, 2022, 6:37 AM IST

पुलिस प्रमोशन मामला पर झारखंड हाई कोर्ट ने डीजीपी से लिखित जवाब मांगा है. इस पर हुई सुनवाई में कोर्ट में हाजिर हुए, जिसमें कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति कैसे दी गई? इस मामले में अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट

रांचीः झारखंड पुलिस में प्रोन्नति के मामले में दायर एक याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी नीरज सिन्हा हाजिर हुए. अदालत ने डीजीपी से यह जानना चाहा कि विभाग में आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति कैसे दी गई है? यह प्रोन्नति भेदभाव पूर्ण प्रतीत होती है इस पर लिखित जवाब पेश करने को कहा है, मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी नीरज सिन्हा से कई बिंदु पर जवाब मांगा तत्काल जवाब नहीं दिया जा सका. अदालत ने उन्हें इसके लिए समय देते हुए उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि घर के मुखिया को ही अपना घर संभालना पड़ता है, इस लिहाज से डीजीपी पुलिस परिवार के मुखिया हैं उन्हें अपना घर संभालना चाहिए. अदालत ने कहा कि पुलिस विभाग में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है.

अरुण कुमार ने प्रोन्नति में नियम की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया था कि 11 पदाधिकारी को एसपी की अनुशंसा पर प्रोन्नति दी गयी. लेकिन बेहतर काम करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्राप्त अधिकारी को प्रोन्नति नहीं दी गयी. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने डीजीपी को तलब किया था. अदालत के आदेश के आलोक में डीजीपी सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए.

रांचीः झारखंड पुलिस में प्रोन्नति के मामले में दायर एक याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी नीरज सिन्हा हाजिर हुए. अदालत ने डीजीपी से यह जानना चाहा कि विभाग में आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति कैसे दी गई है? यह प्रोन्नति भेदभाव पूर्ण प्रतीत होती है इस पर लिखित जवाब पेश करने को कहा है, मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी नीरज सिन्हा से कई बिंदु पर जवाब मांगा तत्काल जवाब नहीं दिया जा सका. अदालत ने उन्हें इसके लिए समय देते हुए उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि घर के मुखिया को ही अपना घर संभालना पड़ता है, इस लिहाज से डीजीपी पुलिस परिवार के मुखिया हैं उन्हें अपना घर संभालना चाहिए. अदालत ने कहा कि पुलिस विभाग में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है.

अरुण कुमार ने प्रोन्नति में नियम की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया था कि 11 पदाधिकारी को एसपी की अनुशंसा पर प्रोन्नति दी गयी. लेकिन बेहतर काम करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्राप्त अधिकारी को प्रोन्नति नहीं दी गयी. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने डीजीपी को तलब किया था. अदालत के आदेश के आलोक में डीजीपी सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए.

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