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सीएम और उनके परिवार के नाम लीज आवंटन मामले में सुनवाई पूरी, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - झारखंड हाईकोर्ट

CM Hemant Soren lease allotment case. सीएम और उनके परिवार के नाम लीज आवंटन मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. CM wife lease allotment case.

Jharkhand High Court
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 29, 2023, 3:14 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के नाम लीज आवंटन मामले में दायर सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. अधिवक्ता पीयूष ने बताया कि पूर्व में भी इसी तरह की याचिका शिव शंकर शर्मा नामक शख्स ने दायर की थी, जो सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है. लिहाजा, सुनील कुमार महतो की याचिका में कुछ भी नया नहीं है. इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

वहीं, याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने दलील पेश की. उन्होंने कहा कि शिव शंकर शर्मा की याचिका में सीएम के नाम पत्थर खनन लीज आवंटन का जिक्र था. उस याचिका के क्रेडेंशियल पर सवाल उठाया गया था. लेकिन इस याचिका में सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक को नियम के खिलाफ सरकारी जमीन आवंटित करने का मामला है. इसी तरह का फेवर सीएम की साली सरला मुर्मू को भी पहुंचाया गया था.

प्रार्थी की ओर से बताया गया कि इस मामले की शिकायत संबधित प्राधिकार में भी की गई थी लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट को बताया गया कि सीएम हेमंत सोरेन के पास ही खान विभाग है. इसलिए बिना उनकी सहमति के परिवार के सदस्यों को इस तरह से फेवर किया जाना संभव नहीं है. फिलहाल खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के नाम लीज आवंटन मामले में दायर सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. अधिवक्ता पीयूष ने बताया कि पूर्व में भी इसी तरह की याचिका शिव शंकर शर्मा नामक शख्स ने दायर की थी, जो सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है. लिहाजा, सुनील कुमार महतो की याचिका में कुछ भी नया नहीं है. इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

वहीं, याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने दलील पेश की. उन्होंने कहा कि शिव शंकर शर्मा की याचिका में सीएम के नाम पत्थर खनन लीज आवंटन का जिक्र था. उस याचिका के क्रेडेंशियल पर सवाल उठाया गया था. लेकिन इस याचिका में सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक को नियम के खिलाफ सरकारी जमीन आवंटित करने का मामला है. इसी तरह का फेवर सीएम की साली सरला मुर्मू को भी पहुंचाया गया था.

प्रार्थी की ओर से बताया गया कि इस मामले की शिकायत संबधित प्राधिकार में भी की गई थी लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट को बताया गया कि सीएम हेमंत सोरेन के पास ही खान विभाग है. इसलिए बिना उनकी सहमति के परिवार के सदस्यों को इस तरह से फेवर किया जाना संभव नहीं है. फिलहाल खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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