रांची: फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्ति परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. अदालत ने जेपीएससी के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ता चंद्रशेखर सिंह की फूड सेफ्टी ऑफिसर परीक्षा के परिणाम को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने माना कि जेपीएससी की ओर से विज्ञापन में दी गई सर्त के अनुरूप अभ्यर्थी की शैक्षणिक योग्यता नहीं थी.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में राज्य में फूड सेफ्टी ऑफिसर की परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाया है. न्यायाधीश ने अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह फैसला सुनाया है. पूर्व में मामले पर सुनवाई पूरी कर ली गई थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि जेपीएससी ने विज्ञापन में जिन विषय में डिग्री की मांग की थी, प्रार्थी ने उसी विषय में मास्टर डिग्री प्राप्त की है, लेकिन जेपीएससी ने उनका चयन नहीं किया जो कि गलत है. वहीं जेपीएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि विज्ञापन के साथ में कई विषयों में स्नातक डिग्री मांगी गई थी, जो 3 वर्षों की होती है, जबकि मास्टर डिग्री का कोई जिक्र नहीं है, इसलिए जिन अभ्यर्थियों के पास स्नातक की डिग्री नहीं है, उनका चयन नहीं किया गया, यह नियम के अनुकूल है.
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बता दें कि याचिकाकर्ता चंद्रशेखर सिंह ने जेपीएससी की ओर से निकाले गए विज्ञापन साल 2016 में आवेदन किया था और परीक्षा दिया था, सफल भी हुए, लेकिन उनका चयन नहीं किया गया. जेपीएससी ने साल 2018 में परीक्षा का परिणाम घोषित किया था, जिसमें उसका चयन नहीं होने के बाद उन्होंने जेपीएससी के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. 30 जून को फैसला सुनाते हुए अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है.