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JHARKHAND HIGH COURT: आदेश का अनुपालन नहीं करने पर गृह सचिव को अवमानना नोटिस जारी, जानिए पूरा मामला

झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को नई पुलिस नियुक्ति नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर गृह सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.

jharkhand high court issued contempt notice to home secretary in new police recruitment rules case
JHARKHAND HIGH COURT: आदेश का अनुपालन नहीं करने पर गृह सचिव को अवमानना नोटिस जारी, जानिए पूरा मामला
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Published : Aug 23, 2021, 10:41 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में नई पुलिस नियुक्ति नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर गृह सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए.

इसे भी पढ़ें- अधिकारी के कार्यप्रणाली से हाई कोर्ट नाराज, शिक्षा सचिव को किया तलब

सुनवाई में क्या हुआ

दरअसल अदालत ने इस मामले में चार साल पहले अपने आदेश में कहा था कि पुलिस बहाली कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी. लेकिन सरकार ने नियुक्ति पत्र में इस शर्त की जानकारी नहीं दी है. अदालत ने सरकार को इसकी सूचना अखबार प्रकाशित करने और व्यक्तिगत रूप से सभी चयनित अभ्यर्थियों को सूचित करने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता आदित्य रमन

क्या है नई नियमावली?
इस संबंध में सुनील टुडू समेत 50 अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि साल 2014 में सरकार ने पुलिस कॉन्स्टेबल नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई है. नई नियमावली के मुताबिक ही जेएसएससी ने वर्ष 2015 में विज्ञापन जारी कर पूरे राज्य में 6800 पुलिस कांस्टेबल की बहाली की है, जबकि सरकार की ओर से बनाई गई नई नियमावली ही गलत है, यह पुलिस मैनुअल के प्रविधानों के विपरीत है, इसलिए नई नियमावली को निरस्त किया जाए.

इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने जनवरी 2017 में आदेश पारित करते हुए कहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया उक्त याचिका के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी. पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति पत्र में कोर्ट के आदेश का जिक्र किया जाना था, पर ऐसा नहीं किया गया. सुनवाई के दौरान अदालत ने नियुक्ति पत्र पर उक्त शर्त नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई और राज्य के गृह सचिव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है.

अदालत ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में नियुक्त हुए सभी कॉन्स्टेबल को व्यक्तिगत और अखबार के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराए. जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि वर्ष 2018 में पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में नई पुलिस नियुक्ति नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर गृह सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए.

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सुनवाई में क्या हुआ

दरअसल अदालत ने इस मामले में चार साल पहले अपने आदेश में कहा था कि पुलिस बहाली कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी. लेकिन सरकार ने नियुक्ति पत्र में इस शर्त की जानकारी नहीं दी है. अदालत ने सरकार को इसकी सूचना अखबार प्रकाशित करने और व्यक्तिगत रूप से सभी चयनित अभ्यर्थियों को सूचित करने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता आदित्य रमन

क्या है नई नियमावली?
इस संबंध में सुनील टुडू समेत 50 अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि साल 2014 में सरकार ने पुलिस कॉन्स्टेबल नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई है. नई नियमावली के मुताबिक ही जेएसएससी ने वर्ष 2015 में विज्ञापन जारी कर पूरे राज्य में 6800 पुलिस कांस्टेबल की बहाली की है, जबकि सरकार की ओर से बनाई गई नई नियमावली ही गलत है, यह पुलिस मैनुअल के प्रविधानों के विपरीत है, इसलिए नई नियमावली को निरस्त किया जाए.

इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने जनवरी 2017 में आदेश पारित करते हुए कहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया उक्त याचिका के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी. पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति पत्र में कोर्ट के आदेश का जिक्र किया जाना था, पर ऐसा नहीं किया गया. सुनवाई के दौरान अदालत ने नियुक्ति पत्र पर उक्त शर्त नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई और राज्य के गृह सचिव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है.

अदालत ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में नियुक्त हुए सभी कॉन्स्टेबल को व्यक्तिगत और अखबार के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराए. जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि वर्ष 2018 में पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

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