रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में बुधवार को देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ या लैंडिंग की सुविधा नहीं होने के बावजूद शाम में चार्टर्ड प्लेन उड़ा कर दिल्ली जाने से संबंधित मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत पूर्व में सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) एवं अन्य को दी गई अंतरिम राहत को अगले आदेश तक के लिए जारी रहने का आदेश दिया है.
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देवघर एयरपोर्ट एटीसी विवाद (Deoghar Airport ATC dispute) मामले में राज्य सरकार के अधिवक्ता की ओर से समय की मांग की गई. जिस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च 2023 निर्धारित की. कोर्ट ने इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एवं उनके पुत्र, मनोज तिवारी और एयरपोर्ट डायरेक्टर को दी गई अंतरिम राहत के तहत उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रखी है. कोर्ट ने मामले में देवघर डीसी, कुंडा थाना प्रभारी, डीएसपी सिक्योरिटी इंचार्ज देवघर एयरपोर्ट को नोटिस जारी किया था.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने पैरवी की. पूर्व की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर बताया गया था कि उस दिन सनसेट का टाइम 6:03 था. फ्लाइट उसके आधा घंटा बाद उड़ सकती है ऐसा रूल है. जबकि प्रार्थी की फ्लाइट 6 बज कर 17 मिनट पर उड़ी है. 6:33 मिनट तक प्लेन को उड़ाया जा सकता था. सनसेट के आधे घंटे बाद भी टेक ऑफ हो सकता है.
झारखंड पुलिस ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ देवघर एयरपोर्ट सुरक्षा में चूक मामले में एफआइआर दर्ज की है. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने एयरपोर्ट के एटीसी में जबरन प्रवेश किया और क्लीयरेंस लेने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. मामला 31 अगस्त का बताया जा रहा है. गोड्डा से लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे, अपने दो बेटों (कनिष्क कांत दुबे और माहिकांत) सांसद मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी समेत 9 लोगों के साथ देवघर आए थे. आरोप है कि शाम में वापसी के दौरान उन्होंने जबरन क्लीयरेंस लिया, जबकि देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ या लैंडिंग की सुविधा नहीं है.