रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में स्थित राज्य की एकमात्र रेफरल अस्पताल रिम्स में तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर आउटसोर्स से नियुक्ति नहीं किए जाने के हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रिम्स ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है. इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी.
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शुक्रवार को रिम्स की ओर से बताया गया कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया. लेकिन रिम्स को हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की छूट प्रदान की है. इस पर अदालत ने सोमवार को सुनवाई निर्धारित की. रिम्स में तृतीय और चतुर्थवर्ग के रिक्त पदों पर हाई कोर्ट ने रिम्स को स्थायी नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन पदों पर आउटसोर्स से नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए. इससे पहले 15 मार्च की सुनवाई में अदालत ने तल्ख टिप्पणी भी की थी.
उससे पूर्व 28 जनवरी को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि रिम्स में थर्ड ग्रेड और फोर्थ ग्रेड कर्मचारी की नियुक्ति के लिए विज्ञापन तत्काल निकाला जाए. आउटसोर्सिंग तभी तक मान्य होगी जब तक इन पदों पर रिम्स में नियुक्ति (Vacancy in RIMS) की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है. नियमित नियुक्ति पर रिम्स के रवैये पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब कोर्ट की ओर से एक साल पहले ही रिम्स के सभी रिक्त पदों पर भर्ती करने का आदेश दिया गया तो अब तक नियुक्ति क्यों नहीं की गई है.
हाई कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि रिम्स में लगभग 70 से 80 फीसदी पद रिक्त हैं तो वहां पर काम कैसे चल रहा है. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है कि अदालत को ही अब रिम्स की बेहतरी के लिए कुछ करना होगा. क्योंकि वहां की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. अदालत ने इस बात को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई कि थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर आउट सोर्स कैसे कर दिया गया है जबकि सृजित पद अभी भी खाली है. इस दौरान रिम्स के निदेशक कोर्ट में हाजिर हुए. उन्होंने बताया कि करीब 300 से ज्यादा थर्ड और फोर्थ ग्रेड के कर्मियों के पद रिक्त हैं और 200 से ज्यादा नए पद सृजित करने के लिए झारखंड सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. इस पर अदालत ने नए पद सृजित करने के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा.