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रांची: 42 दारोगा नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने डीजीपी और गृह सचिव को हाजिर होने का दिया निर्देश - दारोगा को बहाल करने के आदेश

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की पीठ में निकाले गए 42 दारोगा को बहाल करने के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी दारोगा को बहाल करने का आदेश दिया है, तो उन्हें अब तक क्यों नहीं बहाल किया गया है.

Jharkhand High Court directs DGP and Home Secretary to appear in si Appointment Case
हाई कोर्ट
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Published : Mar 19, 2021, 10:11 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की पीठ में निकाले गए 42 दारोगा को बहाल करने के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी दारोगा को बहाल करने का आदेश दिया है, तो उन्हें अब तक क्यों नहीं बहाल किया गया है? इसके बाद कोर्ट डीजीपी और गृह सचिव को 23 अप्रैल को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है.

इसे भी पढे़ं: शिक्षा सचिव पर HC की तल्ख टिप्पणी, कहा- आदेश को हल्के में लेते हैं आधिकारी, क्यों न चले अवमानना का केस

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता मनोज कुमार राम ने अदालत को बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रार्थियों को बहाल करने का आदेश दिया है और राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दिया. इस पर अदालत ने सरकारी अधिवक्ता से पूछा कि डीजीपी ने पूर्व में कोर्ट के आदेश का अनुपालन किए जाने का शपथ पत्र दाखिल किया है, जबकि सिर्फ 16 दारोगा को ही बहाल किया है, जबकि कंपनी कमांडर को अभी बहाल नहीं किया है. अदालत ने कहा कि विभाग प्रार्थियों को परेशान न करें और जल्द से जल्द इन्हें बहाल करने का आदेश जारी करें. बता दें कि इस संबंध में रोशन उरांव व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की पीठ में निकाले गए 42 दारोगा को बहाल करने के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी दारोगा को बहाल करने का आदेश दिया है, तो उन्हें अब तक क्यों नहीं बहाल किया गया है? इसके बाद कोर्ट डीजीपी और गृह सचिव को 23 अप्रैल को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है.

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सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता मनोज कुमार राम ने अदालत को बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रार्थियों को बहाल करने का आदेश दिया है और राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दिया. इस पर अदालत ने सरकारी अधिवक्ता से पूछा कि डीजीपी ने पूर्व में कोर्ट के आदेश का अनुपालन किए जाने का शपथ पत्र दाखिल किया है, जबकि सिर्फ 16 दारोगा को ही बहाल किया है, जबकि कंपनी कमांडर को अभी बहाल नहीं किया है. अदालत ने कहा कि विभाग प्रार्थियों को परेशान न करें और जल्द से जल्द इन्हें बहाल करने का आदेश जारी करें. बता दें कि इस संबंध में रोशन उरांव व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

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