रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया. राज्य में आयोजित की जा रही प्रतियोगी परीक्षा के पीटी (preliminary test यानी प्रारंभिक परीक्षा) में आरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीटी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड राज्य में हो रही प्रतियोगी परीक्षा की पीटी में आरक्षण के लाभ की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि राज्य में आयोजित की जा रही प्रतियोगी परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा जिसे पीटी कहते हैं, उस परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. अदालत ने एकल पीठ की ओर से दिए गए आदेश पर अपनी मुहर लगा दी है और याचिका को खारिज कर दिया है.
यह था मामला
बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से दरोगा पद के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई थी. उसके पीटी में अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया, उसके बाद याचिकाकर्ता गुलाम सदीक ने पीटी में आरक्षण की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान एकल पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि, पीटी परीक्षा में आरक्षण का लाभ देने के लिए अदालत किसी भी प्रकार का आदेश नहीं दे सकती है. उन्होंने याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद प्रार्थी ने झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी. डबल बेंच ने भी मामले में सुनवाई के बाद आज एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.