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झारखंड हाई कोर्ट का अहम फैसला, कहा- सिविल के साथ आपराधिक मामला भी चलेगा - दीवानी और फौजदारी मुकदमा

झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के बिल्डर रंजन कुमार पर एक साथ दीवानी और फौजदारी मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. धनबाद की रहने वाली महिला शहनाज परवीन ने बिल्डर रंजन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.

Jharkhand High Court decision, civil and criminal case will be run against builder Ranjan Kumar
Jharkhand High Court decision, civil and criminal case will be run against builder Ranjan Kumar
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Published : Mar 1, 2022, 10:16 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के बिल्डर रंजन कुमार पर एक साथ दीवानी और फौजदारी मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिल्डर की याचिका खारिज कर दिया है.

ये भी पढ़ें- कुख्यात नक्सली जेठा कच्छप को हाई कोर्ट से मिली जमानत, हिरासत की अवधि को देखते हुए अदालत ने सुनाया फैसला

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उन्होंने कोई फ्रॉड नहीं किया है. उन पर एक साथ दीवानी और फौजदारी मुकदमा दर्ज कर दिया गया है जो गलत है. दोनों एक साथ नहीं चल सकता है. इसलिए इस मुकदमे को रद्द कर दिया जाए. वहीं दूसरे पक्ष के अधिवक्ता विनीत वशिष्ठ ने अदालत को बताया कि दीवानी के साथ-साथ फौजदारी मुकदमा भी चल सकता है. सुप्रीम कोर्ट के कई आदेश का हवाला दिया. जिस पर अदालत ने यह माना कि दोनों मुकदमे एक साथ चल सकते हैं. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

दरअसल, धनबाद की रहने वाली महिला शहनाज परवीन ने बिल्डर रंजन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्राथमिकी में उन्होंने यह आरोप लगाया है कि उनसे जिस नक्शे की बिल्ड़िंग बनाने का वादा कर पैसे लिये उससे अलग नक्शे का फ्लैट बनाकर उन्हें दे दिया गया. इतना ही नहीं प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि पैसे लेने के समय बिल्डर ने ग्राहकों को जो अन्य सुविधाएं देने का वादा किया था वो भी पूरा नहीं की किया गया. फ्लैट के एवज में उनसे लगभग 53 लाख रुपये भी लिये गए.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के बिल्डर रंजन कुमार पर एक साथ दीवानी और फौजदारी मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिल्डर की याचिका खारिज कर दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उन्होंने कोई फ्रॉड नहीं किया है. उन पर एक साथ दीवानी और फौजदारी मुकदमा दर्ज कर दिया गया है जो गलत है. दोनों एक साथ नहीं चल सकता है. इसलिए इस मुकदमे को रद्द कर दिया जाए. वहीं दूसरे पक्ष के अधिवक्ता विनीत वशिष्ठ ने अदालत को बताया कि दीवानी के साथ-साथ फौजदारी मुकदमा भी चल सकता है. सुप्रीम कोर्ट के कई आदेश का हवाला दिया. जिस पर अदालत ने यह माना कि दोनों मुकदमे एक साथ चल सकते हैं. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

दरअसल, धनबाद की रहने वाली महिला शहनाज परवीन ने बिल्डर रंजन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्राथमिकी में उन्होंने यह आरोप लगाया है कि उनसे जिस नक्शे की बिल्ड़िंग बनाने का वादा कर पैसे लिये उससे अलग नक्शे का फ्लैट बनाकर उन्हें दे दिया गया. इतना ही नहीं प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि पैसे लेने के समय बिल्डर ने ग्राहकों को जो अन्य सुविधाएं देने का वादा किया था वो भी पूरा नहीं की किया गया. फ्लैट के एवज में उनसे लगभग 53 लाख रुपये भी लिये गए.

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