ETV Bharat / state

Ranchi News: समय पर नगर निकाय चुनाव नहीं कराने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, 27 जून को अगली सुनवाई

झारखंड में नगर निकाय चुनाव समय पर नहीं कराने के मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार से 27 जून तक जवाब मांगा है. झारखंड सरकार ने कार्यकाल समाप्त होने के बाद निर्वाचित पार्षदों का अधिकार समाप्त कर दिया है. जिसके बाद रांची नगर निगम के पूर्व पार्षदों ने कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है.

municipal elections in jharkhand
municipal elections in jharkhand
author img

By

Published : May 15, 2023, 4:34 PM IST

देखें वीडियो

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव समय पर नहीं कराने और निर्वाचित पार्षदों के अधिकार समाप्त किए जाने के फैसले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. रांची नगर निगम के पूर्व पार्षदों की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने राज्य सरकार और नगर निगम से इन दोनों बिंदुओं पर 27 जून से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट में हुई सुनवाई की जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंह ने कहा कि न्यायालय में प्रार्थी की ओर से दाखिल हस्तक्षेप याचिका को भी स्वीकार किया गया है. इस हस्तक्षेप याचिका में जनता से जुड़े सारे कार्य अधिकारियों के जिम्मे सौंप दिए जाने से आम लोगों को हो रही परेशानी से अवगत कराया गया है.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: सरायकेला के चेक डैम में डूबने से जमशेदपुर के दो छात्रों की मौत, घर से क्रिकेट खेलने की बात कहकर निकले थे दोस्तों के साथ

गौरतलब है कि रांची सहित राज्य के विभिन्न नगर निकायों का कार्यकाल पिछले महीने 27 अप्रैल को समाप्त हो गयी है. रांची नगर निगम के पूर्व पार्षदों में अरुण कुमार झा, रोशनी खलखो, विनोद सिंह, सुनील यादव और अन्य ने इस संबंध में रिट याचिका दाखिल कर न्यायालय से गुहार लगाई है. याचिका में सरकार पर ट्रिपल टेस्ट का बहाना बनाकर चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत राज की तरह 06 महीने शहरी निकायों का भी कार्यकाल बढाने का आग्रह किया गया है.

27 जून तक के लिए करना होगा आदेश का इंतजार: इधर, सुनवाई के दौरान चारों पूर्व पार्षद न्यायालय परिसर में उपस्थित दिखे. उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट शहरी नगर निकाय के कार्यकाल बढ़ाने संबंधित कोई आदेश सरकार को देगा. फिलहाल, उन्हें 27 जून तक के लिए इंतजार करना होगा. याचिकाकर्ता अरुण कुमार झा कहते हैं कि न्यायालय में आज हुई सुनवाई से वे संतुष्ट हैं और उन्हें उम्मीद है कि 27 जून को होनेवाली अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट जरूर इस पर आदेश देगा. पूर्व पार्षद और याचिकाकर्ता रोशनी खलखो कहती हैं कि एक तरफ सरकार ने निकाय चुनाव समय पर नहीं कराया, वहीं दूसरी ओर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल भी नहीं बढाया , जबकि पंचायत चुनाव होने तक पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल बढाया गया था.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, रांची से गुजरनेवाली कई ट्रेनें रद्द, कई का बदला समय, देखिए पूरी लिस्ट

कैबिनेट के फैसले पर प्रशासक के भरोसे नगर निकाय का कामकाज: नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट अब तक नहीं होने की वजह से राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं हो पाया है. ऐसे में कार्यकाल समाप्त होने की वजह से नगर निकायों का कामकाज प्रशासक के भरोसे चल रहा है. 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में रांची नगर निगम सहित 34 नगर निकायों में प्रशासक के भरोसे कामकाज शुरू करने का निर्णय लिया गया. जिसके तहत प्रशासक के रूप में संबंधित नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, निकाय परिषद यानी बोर्ड की सभी शक्ति और कार्यों का नियमानुसार कार्य की अनुमति दी गई है. वित्तीय कार्यों के साथ-साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी नगर प्रशासक को दी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद जनप्रतिनिधियों खासकर मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद की सारी शक्तियां समाप्त हो गई हैं.

देखें वीडियो

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव समय पर नहीं कराने और निर्वाचित पार्षदों के अधिकार समाप्त किए जाने के फैसले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. रांची नगर निगम के पूर्व पार्षदों की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने राज्य सरकार और नगर निगम से इन दोनों बिंदुओं पर 27 जून से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट में हुई सुनवाई की जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंह ने कहा कि न्यायालय में प्रार्थी की ओर से दाखिल हस्तक्षेप याचिका को भी स्वीकार किया गया है. इस हस्तक्षेप याचिका में जनता से जुड़े सारे कार्य अधिकारियों के जिम्मे सौंप दिए जाने से आम लोगों को हो रही परेशानी से अवगत कराया गया है.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: सरायकेला के चेक डैम में डूबने से जमशेदपुर के दो छात्रों की मौत, घर से क्रिकेट खेलने की बात कहकर निकले थे दोस्तों के साथ

गौरतलब है कि रांची सहित राज्य के विभिन्न नगर निकायों का कार्यकाल पिछले महीने 27 अप्रैल को समाप्त हो गयी है. रांची नगर निगम के पूर्व पार्षदों में अरुण कुमार झा, रोशनी खलखो, विनोद सिंह, सुनील यादव और अन्य ने इस संबंध में रिट याचिका दाखिल कर न्यायालय से गुहार लगाई है. याचिका में सरकार पर ट्रिपल टेस्ट का बहाना बनाकर चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत राज की तरह 06 महीने शहरी निकायों का भी कार्यकाल बढाने का आग्रह किया गया है.

27 जून तक के लिए करना होगा आदेश का इंतजार: इधर, सुनवाई के दौरान चारों पूर्व पार्षद न्यायालय परिसर में उपस्थित दिखे. उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट शहरी नगर निकाय के कार्यकाल बढ़ाने संबंधित कोई आदेश सरकार को देगा. फिलहाल, उन्हें 27 जून तक के लिए इंतजार करना होगा. याचिकाकर्ता अरुण कुमार झा कहते हैं कि न्यायालय में आज हुई सुनवाई से वे संतुष्ट हैं और उन्हें उम्मीद है कि 27 जून को होनेवाली अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट जरूर इस पर आदेश देगा. पूर्व पार्षद और याचिकाकर्ता रोशनी खलखो कहती हैं कि एक तरफ सरकार ने निकाय चुनाव समय पर नहीं कराया, वहीं दूसरी ओर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल भी नहीं बढाया , जबकि पंचायत चुनाव होने तक पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल बढाया गया था.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, रांची से गुजरनेवाली कई ट्रेनें रद्द, कई का बदला समय, देखिए पूरी लिस्ट

कैबिनेट के फैसले पर प्रशासक के भरोसे नगर निकाय का कामकाज: नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट अब तक नहीं होने की वजह से राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं हो पाया है. ऐसे में कार्यकाल समाप्त होने की वजह से नगर निकायों का कामकाज प्रशासक के भरोसे चल रहा है. 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में रांची नगर निगम सहित 34 नगर निकायों में प्रशासक के भरोसे कामकाज शुरू करने का निर्णय लिया गया. जिसके तहत प्रशासक के रूप में संबंधित नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, निकाय परिषद यानी बोर्ड की सभी शक्ति और कार्यों का नियमानुसार कार्य की अनुमति दी गई है. वित्तीय कार्यों के साथ-साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी नगर प्रशासक को दी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद जनप्रतिनिधियों खासकर मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद की सारी शक्तियां समाप्त हो गई हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.