रांची: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को परेशान किया. भारत हो या अमेरिका विश्व के सभी देशों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए संघर्ष किया. लंबे संघर्ष के बाद पूरी दुनिया ने कोरोना बीमारी से छुटकारा पाया. लेकिन एक बार फिर चीन में फैल रही रहस्यमय निमोनिया लोगों को परेशान कर सकती है.
चीन में इस बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. इस बीमारी को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन इस बीमारी को रहस्यमय निमोनिया कहा जा रहा है. चीन में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है. यह आदेश दिया गया है कि सभी अस्पताल कोरोना के दौरान किए गए व्यवस्था की रिव्यू कर लें, ताकि यदि विपरीत परिस्थिति आती है तो उसका सामना किया जा सके.
भारत सरकार से मिली एडवाइजरी के बाद राज्य सरकारों ने सिविल सर्जनों को महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं. रांची के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रभात कुमार ने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना बीमारी फैली थी, उसी प्रकार इस वायरस के भी फैलने की आशंका है. इन सभी संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इंतजाम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से मिले दिशा निर्देश के बाद रांची जिले के ब्लॉक स्तर के अस्पतालों को भी दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि यदि मरीज सामान्य स्थिति में रहे तो उसे सीएचसी और पीएचसी में ही सुविधा दी जा सके.
वहीं हायर सेंटर के रूप में रिम्स और सदर अस्पताल को रखा जाएगा यदि मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो अन्य जगहों पर भी इंतजाम किए जाएंगे. सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि कोरोना के दौरान लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का भी उपयोग किया जाएगा. वहीं पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी तक भारत में ऐसा कोई केस नहीं मिला है, हालांकि निमोनिया को लेकर लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है.
वहीं रिम्स के वरिष्ठ चिकत्सक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर यूपी साहू ने बताया कि निमोनिया में छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि निमोनिया सबसे ज्यादा एक से पांच साल तक के बच्चों के लिए खतरनाक होता है. क्योंकि वैसे बच्चे अपनी परेशानी को खुलकर बता नहीं पाते. ऐसे में अभिभावकों को यह ध्यान रखना होगा कि यदि छोटे बच्चे में सर्दी खांसी के साथ बुखार आता है और उसने मां का दूध पीना छोड़ दिया तो उसे तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाएं.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर यूपी साहू ने बताया कि छोटे बच्चे को यदि सांस लेने में परेशानी हो, शरीर नीला दिखाई दे रहा हो या उसे तेज बुखार आ रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें क्योंकि निमोनिया ज्यादा दिनों तक रहना खतरनाक भी हो सकता है. वहीं उन्होंने बताया कि विभाग स्तर पर अभी तक किसी तरह का दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है. अस्पताल में भी अभी इस तरह के केस नहीं पहुंचे हैं, लेकिन डॉक्टरों की टीम निमोनिया के केस को लेकर गंभीर है.
रिम्स और जिले में अधिकारी स्तर तक जारी हुए एडवाइजरी को लेकर दिशा निर्देश दे दिए गए हैं लेकिन तैयारी के दिशा निर्देश कनीय कर्मचारियों को नहीं दिए गए हैं. जरूरत है स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले प्रत्येक कर्मचारियों तक दिशा निर्देश पहुंचा दे, ताकि कोरोना जैसी स्थिति ना हो.
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