रांची: झारखंड में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से चेंबर ऑफ कॉमर्स के पीएचडी डिपार्टमेंट के द्वारा झारखंड हेल्थ केयर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने संबोधित किया. उन्होंने सबसे पहले टीवी उन्मूलन की दिशा में झारखंड के द्वारा की गई सराहनीय प्रयास के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए गोल्ड मेडल के लिए बधाई दी. इसके अलावा उन्होंने राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मिले इसके लिए सरकार के साथ-साथ सामाजिक संगठनों को भी आगे आने की अपील की.
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राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मिले इसके लिए सरकार के साथ-साथ सामाजिक संगठनों को भी आगे आने की अपील की. उन्होंने कोरोना के समय की स्थिति को याद करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि देश में कोविड-19 के जो नियम बनाए गए उसकी सराहना पूरी दुनिया कर रही है, लेकिन हमें कभी भूलना नहीं चाहिए की कोरोना के वक्त जो अस्पतालों की स्थिति थी और सुविधाएं थी उसमें कैसे सुधार किया जा सके. उन्होंने कहा कि कंप्यूटर आपको रोगी की वास्तविक स्थिति नहीं बता सकता है, एक चिकित्सक को इसका ध्यान रखनी चाहिए.
इस मौके पर राज्यपाल ने मेडिकल टूरिज्म पर भी प्रकाश डाला. झारखंड सरकार के स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के चिकित्सा संरक्षण अधिनियम को लेकर सरकार ने कदम बढ़ाए हैं. इसके अलावा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा कैसे मिले इसके लिए सरकारी गैर सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. रांची के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो इसके लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ किया जा रहा है. उन्होंने टीवी मुक्त अभियान में झारखंड को मिले गोल्ड मेडल की सराहना करते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि लक्ष्य से 1 वर्ष पहले यानी 2024 तक झारखंड को टीवी मुक्त बना दिया जाए.
हेल्थ केयर सम्मेलन में पीएचडी सीसीआई के सीईओ और महासचिव सौरभ सान्याल ने चैम्बर द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की मदद से 50 करोड़ से अधिक वंचित लोग स्वास्थ्य सुविधा से लाभान्वित हुए हैं. वहीं पारस एचईसी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो समाज के क्षेत्रों में विकास के लिए तैयार हो. आज भी रांची के बाहर स्वास्थ सुविधा का अभाव है, चिकित्सकों की कमी है और यही वजह है की गोल्डन आवर के समय सुदूरवर्ती जिलों से रांची तक आने वाले मरीजों के मौतों की संख्या काफी अधिक है.
ऐसे में अगर राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी गैर सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा अधिक से अधिक दी जाए तो इसका लाभ लोगों को मिलेगा. इसके लिए सरकार को सुविधाजनक स्वास्थ्य नीति बनानी होगी और सिंगल विंडो सिस्टम को दुरुस्त करना होगा. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में यूनिसेफ की आस्था अलंग ने अस्पताल के लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि प्रसव के तुरंत बाद शिशुओं की त्वचा की देखभाल पर ध्यान दें, जिसे अक्सर नर्सों और डॉक्टरों द्वारा अनदेखी की जाती है. उन्होंने इसके गुणात्मक देखभाल में सुधार पर भी जोर दिया. अपने संबोधन में आस्था अलंग ने कहा कि देश के विकास के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश करने की जरूरत है.
बतौर विशिष्ट अतिथि राज अस्पताल के डॉक्टर योगेश गंभीर ने संबोधित करते हुए कहा कि गोल्डन ऑवर में शीघ्र सेवा देने के लिए सभी जिला अस्पतालों को आधारभूत संरचना देनी होगी. इसके अलावा सबसे अच्छे अस्पताल कॉलेज और नई तकनीकी से उन्हें लैस करना होगा. तकनीकी सत्र में मनीष श्रीवास्तव ने हेल्थ केयर में स्किलिंग के बारे में विस्तार से चर्चा की.