रांची: झारखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए निजी स्कूलों के प्रारंभिक क्लास में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया है. जिसके बाद एक बड़े विवाद का अंत माना जा रहा है. लेकिन निजी स्कूलों की नई मांग ने फिर मुसीबत खड़ी कर दी है.
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स्कूल फीस को लेकर क्या था विवाद?
दरअसल आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बीपीएल बच्चों के लिए प्ले ग्रुप की 25 प्रतिशत सीट रिजर्व की गईं हैं. लेकिन आरटीई के प्रावधान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार कक्षा एक से ऊपर के क्लास के लिए स्कूलों की फी चुका रही है. ऐसे में कक्षा एक से नीचे पढ़ रहे एलकेजी, यू केजी के बीपीएल कैटेगरी के बच्चों की फीस को लेकर निजी स्कूल राज्य सरकार से शिकायत कर रहे थे.
सरकार के फैसले से क्या बदलेगा ?
फीस को लेकर लगातार मिल रही निजी स्कूलों की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने प्ले ग्रुप में पढ़ रहे बीपीएल कैटेगरी के बच्चों की फीस अपने स्तर से चुकाने का फैसला लिया है. इसका मतलब ये हुआ की निजी स्कूलों में एलकेजी, यू केजी के बीपीएल कैटेगरी के बच्चों को भी अब सरकार निशुल्क शिक्षा दिलाएगी.
सरकार के फैसले से खुश नहीं निजी स्कूल
झारखंड सरकार ने एक तरफ जहां अपने फैसले से बीपीएल कैटेगरी के बच्चों को बड़ी राहत दी है, वहीं निजी स्कूल प्रबंधन इस फैसले से खुश नहीं है. स्कूल बीपीएल बच्चों के लिए निर्धारित शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, उनके मुताबिक सरकार के द्वारा जो फीस तय की गई है वो काफी पुरानी है. स्कूलों को प्रतिवर्ष एक बच्चे के लिए 5100 रुपये दिया जा रहा है, जिसका स्कूल प्रबंधन विरोध कर रहा है.