रांची: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए पॉलिसी ला रही (Jharkhand government to launch EV policy) है. पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और 14 सितंबर को राज्य सरकार के कैबिनेट की मीटिंग में इस पॉलिसी को मंजूरी दी जा सकती है. सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक राज्य में कुल वाहनों में 10 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल हों. इसके लिए सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल के खरीददारों को 10 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दे सकती है.
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गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में सरकार ने नई दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल निमार्ताओं को झारखंड की प्रस्तावित ईवी पॉलिसी की जानकारी दी थी. इसके तहत इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनियों से स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क में पूरी छूट का वादा किया गया था. सरकार ने कहा था कि झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के जरिए कार निर्माताओं को 50 फीसदी सब्सिडी पर जमीन उपलब्ध करायेगी. यह लाभ हासिल करने के लिए उन्हें झारखंड की ईवी नीति (EV Policy of Jharkhand) के लॉन्च के बाद से पहले दो वर्षों के भीतर राज्य में प्रोडक्शन यूनिट लगानी होगी. इसमें वाहन पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स से पूर्ण छूट का भी प्रस्ताव है. टाटा, ह्युन्डई, मारुति, होंडा सहित कई कंपनियों को राज्य सरकार अपने मसौदे से रूबरू करा चुकी है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है कि खरीददारों को किसी भी स्थिति में कुल कीमत के लिहाज से 10 प्रतिशत की छूट उपभोक्ताओं को मिलेगी. इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी राज्य सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ देगी. सरकार की योजना के मुताबिक हर तीन किमी के दायरे में एक चार्जिंग स्टेशन और नेशनल हाईवे पर हर 24 किलोमीटर की दूरी पर चाजिर्ंग स्टेशन लगाये जायेंगे. प्रस्तावित ईवी पॉलिसी पर वित्त, कॉमर्शियल टैक्स और विधि विभाग की ओर से सहमति मिल चुकी है. यह पॉलिसी पांच सालों के लिए लागू होगी.